स्वामी हरिहरानंद सरस्वती (करपात्री स्वामी) स्मृति पुरस्कार के लिये अयोध्या के पीठाधीश्वर को विद्या भास्कर देने की घोषणा
स्वामी हरिहरानंद सरस्वती (करपात्री स्वामी) स्मृति पुरस्कार के लिये अयोध्या के पीठाधीश्वर “जगद्गुरु रामानुजाचार्य वासुदेवाचार्य “विद्याभास्कर” को देने की घोषणा
वाराणसी, बुधवार 24 फरवरी। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में स्वामी हरिहरानंद सरस्वती (करपात्री स्वामी) स्मृति पुरस्कार के चयन के लिये चयन समिति द्वारा स्वामी हरिहरानंद सरस्वती (करपात्री स्वामी) स्मृति पुरस्कार के लिये चल किया जाता है। इस बार विश्व प्रसिद्ध सन्त, व्याकरण शास्त्र के उद्भट्ट पण्डित, दर्शन शास्त्र के अद्वितीय विद्वान एवं उत्कृष्ट काव्य रचनाकार “जगद्गुरु रामानुजाचार्य वासुदेवा चार्य “विद्याभस्कर” का चयन किया गया।
कुलपति आचार्य राजाराम शुक्ल ने बताया कि गठित चयन समिति राष्ट्र के प्रसिद्ध सन्यासी, सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार-प्रसार की तरफ उन्मुख होकर अपने सम्पूर्ण जीवन को वेद शास्त्रों, उपनिषद्, संस्कृत, संस्कृति एवं संस्कार के सोपान से विश्व पटल पर स्थापित हैं। महाराज के प्रवचनों, उद्बोधनों, पुस्तकों के द्वारा मनुष्य के बौद्धिक प्रदूषण को दूर करने एवं मूल्यों की जागृति का प्रयास कर विश्व में सद्भाव एवं शान्ति की परिकल्पना को सत्य सिद्ध किये है। महाराज का जीवन एवं उनका संदेश भक्ति, ज्ञान एवं कर्म के योग का आदर्श उदहारण है। उन्होनें अनेको ग्रंथो एवं शास्त्रों को लिपिबद्ध किया है। महाराज इसी विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालय के विद्यार्थी थे। आपकी शिक्षा-दीक्षा विशेषकर करपात्री जी द्वारा दिखाए गये पथ पर चलने वाले हैं।