देश आज़ादी के अमृत काल की यात्रा शुरू कर रहा है तो शिक्षा के क्षेत्र में बोहरा समाज के इस योगदान की अहमियत बढ़ जाती है, प्रधानमंत्री
मुंबई के मारोल में अल जामिया तुस-सैफियाह (सैफ अकादमी) के नए परिसर का उद्घाटन कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोला जब आप मुंबई, सूरत जाएं तो दांडी जरूर जाइएगा। दांडी यात्रा गांधी जी की आज़ादी की लड़ाई में एक मोड़ था। नमक सत्याग्रह से पहले गांधी जी दांडी में आपके घर रुके थे कोई समुदाय, समाज, संगठन उसकी पहचान इससे है कि वह समय के अनुसार अपनी प्रासंगिकता को कितना कायम रखता है। समय के साथ परिवर्तन और विकास की इस कसौटी पर दाऊदी बोहरा समुदाय ने हमेशा खुद को खरा साबित किया है। अल जामिया-तुस-सैफियाह शिक्षा के महत्वपूर्ण स्थान इसका जीता जागता उदाहरण है,
देश में शिक्षा व्यवस्था में एक और बदलाव हुआ है। ये बदलाव है – एजुकेशन सिस्टम में स्थानीय भाषा को महत्व देना। अंग्रेजों ने अंग्रेजी को शिक्षा का पैमाना बना दिया था। आज़ादी के बाद भी हम उस हीनभावना को ढोते रहे। लेकिन अब मेडिकल, इंजीनियरिंग जैसी पढ़ाई भी स्थानीय भाषा में हो सकेगी,