गौरी केदारेश्वर बाबा को लगा खिचड़ी का भोग
मकर संक्रांति के पर्व पर गौरी केदारेश्वर बाबा को लगा खिचड़ी का भोग
हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंजा मंदिर परिसर
वाराणसी। काशी के राजा मानदाता भगवान शिव के अनन्य भक्त थे। प्रतिवर्ष वो हिमालय के पर्वत पर बसे केदारनाथ के दर्शन को जाते थे और प्रतिदिन भगवान शंकर को खिचड़ी का भोग लगाते थे। इसके बाद जरूरतमंदों में इस खिचड़ी का दान करते थें। बिना दान दिए वो कभी भोजन नहीं करते थे। एक बार जब वो बीमार पड़े तो दर्शन को नहीं जा सके उनके दरवाजे पर भी दान के लिए कोई नहीं पहुंचा तो वो भी भूखे रह गए। खिचड़ी लेकर वो कई दिनों तक दान का इंतजार करते रहे इस बीच एक दिन वो खिचड़ी लेकर सो गए तो भगवान शिव उनकी श्रद्धा भाव से प्रसन्न होकर ने उन्हें सपने में खिचड़ी से प्रकट होकर दर्शन दिया। नींद से जब उनकी आंखें खुली तो सपना सच दिखा खिचड़ी शिवलिंग का स्वरूप बन चुका था। जो कालांतर में गौरी केदारेश्वर के नाम से जाना जाता है। आज इसी क्रम में केदारघाट स्थित गौरी केदारेश्वर मंदिर में मकर संक्रांति के पावन पर्व पर बाबा को खिचड़ी सहित संक्रांति में प्रयुक्त होने वाले खाद्य सामग्री का भी बाबा को भोग लगाने के बाद मंत्रोच्चारण के बीच बाबा का आरती उतारा गया। इस दौरान हर-हर महादेव के उद्घोष से मंदिर परिसर गुंजायमान हो रहा था। आज बाबा का भव्य श्रृंगार भी किया गया था जहां पर चंपा चमेली गुड़हल गुलाब मदार सहित इलेक्ट्रॉनिक झालर से मंदिर को सुंदर ढंग से सजाया गया था।