बच्चों का रखें ख्याल, खांसी आए-पसली चले तो डाक्टर से मिलें
सर्दी के साथ बढ़ी कोरोना की रफ्तार, आक्सीजन सेचुरेशन 94 फीसद से अधिक होना जरूरी
लक्षण विहीन, मामूली लक्षण वाले पाजिटिव व लक्षण युक्त के लिए दवाएं तय
वाराणसी। कड़ाके की सर्दी के बीच कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए इस वक्त छोटे बच्चों की सेहत का खास ख्याल रखना सभी के लिए बहुत ही जरूरी है । यह कहना है *श्री शिव प्रसाद गुप्त मण्डलीय चिकित्सालय में बाल रोग विशेषज्ञ डा. एस.पी. सिंह* का। उन्होंने बताया कि एक साल तक के बच्चे को अधिक खांसी आ रही हो, पसली चल रही हो, बच्चा दूध व खुराक लेना बंद कर दे, तेज बुखार हो और दस्त न रुके तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक से जरूर संपर्क करें । इसके साथ ही दिन में तीन-चार बार बच्चे के सांस लेने की दर (रेस्परेटरी रेट) और आक्सीजन सेचुरेशन (पल्स आक्सीमीटर से) जरूर नापें, आक्सीजन सेचुरेशन 94 फीसद व उससे अधिक ही होना चाहिए । इससे कम होने पर चिकित्सक से सलाह ली जानी चाहिए । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने बताया कि विभिन्न आयु वर्गों के कोविड पाजिटिव व लक्षणयुक्त व्यक्तियों के इस्तेमाल के लिए दवाओं को “मेडिकल किट” के जरिये उपलब्ध कराने को कहा गया है । इसके तहत शून्य से 12 साल तक के बच्चों को तीन श्रेणी में बांटते हुए और 12 साल से ऊपर वालों के लक्षणों के आधार पर जरूरी दवाओं के सेवन की सलाह दी गई है । इसके तहत शून्य से 12 माह, एक से पाँच साल और छह से 12 साल तक के बच्चों की तीन श्रेणी बनाई गई है और लक्षणों के आधार पर व कोरोना पाजिटिव होने की स्थिति में निर्धारित दवाओं के सेवन की सलाह दी गई है ।
मेडिकल किट में शामिल दवाएं :
12 माह तक के शिशुओं के लिए दवा किट-
• पेरासिटामोल ड्राप
• मल्टीविटामिन ड्राप
• ओआरएस पैकेट
एक से पांच वर्ष के बालकों के लिए दवा किट-
• पेरासिटामोल सिरप
• मल्टीविटामिन सीरप
• ओआरएस पैकेट
छह से 12 वर्ष के बालकों के लिए दवा किट
• पेरासिटामोल
• मल्टीविटामिन
• आईवरमेक्टिन टेबलेट
• ओआरएस
12 वर्ष से अधिक उम्र के लिए-
• टेबलेट पेरासिटामोल
• टेबलेट आईवरमेक्टिन
• टेबलेट एजिथ्रोमायिसिन
• टेबलेट विटामिन-सी
• टेबलेट जिंक
• टेबलेट/ कैप्सूल विटामिन-बी काम्पलेक्स
• विटामिन डी-3
इस तरह करना है दवाओं का सेवन
शून्य से 12 माह तक के शिशुओं के लिए
लक्षण युक्त शिशु (जिनका कोविड टेस्ट रिजल्ट अभी ज्ञात नहीं है या टेस्ट नहीं हुआ है) तथा पाजिटिव शिशु जिनको केवल बुखार है, उनको पैरासिटामाल ड्रॉप बुखार आने की स्थिति में देना है। ध्यान रहे इसे खाली पेट नहीं देना है । शून्य से दो माह तक के शिशु को पैरासिटामाल ड्रॉप दशमलव पाँच मिली. दिन में तीन बार देना है, तीन से छह माह तक के शिशु को एक मिली. दिन में तीन बार और सात से 12 माह के शिशु को एक मिली. दिन में चार बार बुखार आने पर देना है । मल्टी विटामिन का ड्रॉप छह माह तक के शिशुओं को नहीं देना है, सात से 12 माह तक के शिशु को दशमलव पाँच मिली. सात दिन तक देना है । इसके अलावा दस्त की स्थिति में ओआरएस का घोल थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दें ।
एक से पाँच वर्ष के लिए :
पैरासिटामाल सिरप (बुखार आने पर दें, ध्यान रहे खाली पेट नहीं देना है)- एक से दो वर्ष के बच्चे को पाँच मिली. छह घंटे के अंतराल पर दिन में चार बार, दो से तीन वर्ष को 10 मिली. आठ घंटे के अंतराल पर दिन में तीन बार, तीन से पाँच वर्ष के बच्चे को 10 मिली. छह घंटे के अंतराल पर दिन में चार बार देना है । मल्टीविटामिन सिरप- एक से दो वर्ष के बच्चे को ढाई मिली. रात को एक बार, दो से पाँच वर्ष तक के बच्चे को ढाई मिली. सुबह और रात को सात दिन तक देना है । ओआरएस का घोल दस्त आने पर देना है ।
छह से 12 वर्ष के लिए :
टैबलेट पैरासिटामाल (500 मिलीग्राम) बुखार आने पर आधी गोली दिन में तीन बार (खाली पेट नहीं देना है)-आठ घंटे के अंतराल पर, टैबलेट आइवरमेक्टिन छह मिलीग्राम-रात को खाना खाने के एक घंटे बाद एक गोली तीन दिन तक, मल्टीविटामिन टैबलेट- रात को सोने से पहले एक गोली सात दिन तक, ओआरएस का घोल दस्त आने पर देना है ।
12 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए :
टैबलेट पैरासिटामाल (500 मिलीग्राम) की एक गोली दिन में तीन बार-, टैबलेट आइवरमेक्टिन 12 मिलीग्राम- रात के खाने के बाद (गर्भवती व धात्री महिलाओं और 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं देना है), टैबलेट एजिथ्रोमायिसिन-500 मिलीग्राम दिन में एक बार के साथ ही टैबलेट विटामिन-सी, टैबलेट/कैप्सूल विटामिन बी काम्प्लेक्स, विटामिन डीथ्री की एक गोली भी प्रतिदिन देनी है । इन दवाओं के सेवन के साथ ही सांस संबंधी व्यायाम, योग व प्राणायाम करने की सलाह दी गई है । हल्का गर्म या गुनगुना पानी प्रतिदिन अधिक मात्रा में पियें और दिन में तीन से चार बार आक्सीजन सेचुरेशन पर ध्यान दें । आक्सीजन सेचुरेशन 94 फीसद से अधिक होना चाहिए ।