वर्षो से वसूली चक्रव्यूह चला रहे गैंग का पुलिस ने किया पर्दाफाश, वर्षो से चल रहा था पत्रकार, पुलिस और वकील का गठजोड़,
रंगदारी और धमकाने में जेल गए चर्चित अधिवक्ता अखिलेश दुबे के नाम पर भले ही कोई पंजीकृत गिरोह नहीं है मगर कानपुर पुलिस की अब तक की जांच में जो बात सामने आया है वह चौकाने वाला है गिरोह में कई पुलिस कर्मियों के अलावा कई सफेदपोश भी शामिल है जो कमाई में हिस्सेदार थे यह गठजोड़ अवैध वसूली के लिए वकील, पत्रकार और पुलिस वालों की मिली भगत से शुरू किया गया था,
फर्जी मुकदमा दर्ज करा कर यह गिरोह वसूली और जमीन हथियाने में वर्षो से काम कर रहा था, यह गिरोह शिकार के खिलाफ सबसे पहले झूठा मुकदमा दर्ज़ कराता था ताकि उसपर दबाव बन सके,
यदि किसी थाने पर ईमानदार पुलिस ऑफिसर जो इनके गलत कार्यों मे साथ नहीं देता था तो ये गैंग कोर्ट मे 156/3 के जरिये मुकदमा दर्ज करवाते थे पीड़ित पर दबाव बना समझौता करा मोटी रकम वसूल करते थे,समझौता होने के बाद विवेचक सबूत नहीं मिलने की बात लिखकर मुकदमे में अंतिम रिपोर्ट लगता था, अखिलेश दुबे ने जो भी मुकदमे दर्ज कराई वह सभी मुकदमा दर्ज करने की तारीख महीनो पुरानी घटनाओं से संबंधित होते थे,
अखिलेश दुबे और उसके सहयोगी लवी मिश्रा ने एक होटल मालिक पर एक महिला से मिलीभगत कर दुष्कर्म का मुकदमा करा समझौता के नाम पर ढाई करोड़ रूपये की रंगदारी वसूली थी जिसका बाद मे मुकदमा दर्ज हुआ,
एडीसीपी क्राइम अंजली विश्वकर्मा ने बताया कि होटल मालिक पर लगे आरोप झूठे पाए गए थे। उनकी तहरीर पर अखिलेश और लवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।