विश्व आर्द्रभूमि दिवस के अवसर पर गंगामित्रों ने किया श्रमदान
विश्व आर्द्रभूमि दिवस के अवसर पर गंगामित्रों ने किया श्रमदान
गंगा मित्रों द्वारा मनाया जाएगा साप्ताहिक विश्व आद्रभूमि दिवस
प्रकृति है तो हम है, जल है तो कल है
“पर्यावरण असंतुलित होने से डरे, आर्द्रभूमियों का संरक्षण सुनिश्चित करे”
वाराणसी। विश्व आर्द्रभूमि दिवस (World Wetlands Day) हर साल 2 फरवरी को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। 2022 वेटलैंड्स पर कन्वेंशन के 51 साल पूरे हो गए हैं। विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2022 की अंतर्राष्ट्रीय थीम ‘लोगों और प्रकृति के लिए आर्द्रभूमि कार्रवाई (Wetlands Action for People and Nature)’ है। नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत ( ईको-स्किल्ड गंगामित्रों ) की टीम ने साप्ताहिक विश्व आद्रभूमि दिवस का आयोजन किया है।
टीम जल-संरक्षण, पर्यावरण-संरक्षण, गङ्गा- संरक्षण हेतु कार्यरत है। इस दिन का उद्देश्य लोगों और हमारे ग्रह के लिए आर्द्रभूमि द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत ईको-स्किल्ड गंगामित्र ( महामना मालवीय गंगा शोध केंद्र-बीएचयू-वाराणसी ) से शिक्षा प्राप्त कर लगातार गङ्गा-संरक्षण, पर्यावरण-संरक्षण, जल-संरक्षण हेतु प्रयासरत है। वही आज गंगामित्रों की टीम ने वाराणसी के मदरवा, ( सामने घाट ), अनुसूया घाट, शुलटकेश्वर आदि घाटों पर स्वच्छता अभियान का शिलशिला जारी है।
टीम लीडर धर्मेंद्र पटेल ने बताया कि वहीं टीम गङ्गा ग्रामों में तालाबों, पोखरों की स्वच्छता हेतु भी सक्रिय भूमिका निभा रही है। जन जगरूकता अभियान द्वारा लोगो को जल- संरक्षण करने हेतु जागरूक भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ईको – स्किल्ड गंगामित्रों की टीम भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में अपनी-अपनी सक्रिय भूमिका निभा रही है। धर्मेन्द्र पटेल ने जन मानस को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी को एक साथ मिलजुलकर, कड़ी से कड़ी बनाकर कार्य करने की जरूरत है तभी जाकर हम अपने पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते है।
गंगामित्रों की टीम उपर्युक्त कार्य बनारस के साथ-साथ मिर्जापुर, प्रयागराज, गाजीपुर, चन्दौली व बलिया में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। बता दे कि 2 फरवरी बुधवार को गंगामित्रों की टीम ने विश्व आर्द्रभूमि दिवस के अवसर पर (परमहंस आश्रम चित्रकूट अनुसूया घाट मदरवा वाराणसी) के दिव्य प्रांगण में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया। जिसमें टीम ने गंगा किनारे पड़े अपशिष्ट पदार्थ ( प्लास्टिक, माला-फूल, मूर्तियां, कूड़ा-कचरा, सीसायुक्त फ़ोटो फ्रेम इत्यादि। ) को इकट्ठा कर कूड़ेदान में रखा।
नदी किनारे स्नान आदि करने आये श्रद्धालुओं व ग्रामीण जनमानस को माँ गंगा को स्वच्छ बनाये रखने हेतु स्वच्छता की शपथ भी दिलवायी। गंगामित्र सीनू ने लोगो से आग्रह किया कि घर का कूड़ा-कचरा नदी में न फेंके वहीं टीम लीडर निधि तिवारी ने बताया कि यदि हमें अपनी विरासत को बचाना है तो इसे सुरक्षित रखना भी हमारा परम् कर्तव्य है। गंगामित्रों द्वारा किये गए कार्यो को देखते हुए लोगो ने साधुवाद दिया वहीं इसे स्वच्छ रखने हेतु शपथ भी लिया। उल्लेखनीय है कि गंगामित्रों को संस्था के चेयरमैन प्रख्यात पर्यावरण वैज्ञानिक प्रोफेसर बीडी त्रिपाठी के निर्देशन में प्रशिक्षित किया गया है। इस महास्वच्छता अभियान के दौरान गंगामित्रों में रविन्द्र कुमार, धर्मेन्द्र कुमार, राधा मौर्या, अश्विनी सिंह, कुमारी सीनू, निधि तिवारी, शिवानी सिंह, धर्मेन्द्र कुमार पटेल उपस्थित रहे।