गंगाटास्क फोर्स एवं गंगामित्रों ने संयुक्त रूप से नगवा नाला पर चलाया वृहद सफाई अभियान एवं किया पौधारोपण
गंगाटास्क फोर्स एवं गंगामित्रों ने संयुक्त रूप से नगवा नाला पर चलाया वृहद सफाई अभियान एवं किया पौधारोपण
137 बटालियन गंगा टास्कफोर्स व गंगा मित्रों ने असि नाले पर बनाए है बायोरेमेडीएशन
वाराणसी। गंगामित्र एवं 137 बटालियन गंगा टास्कफोर्स के संयुक्त तत्वाधान में रविदास पार्क के पास नगवा नाले की सफाई अभियान एवं वृहद पौधारोपण का अभियान चलाया गया। गंगा टास्क फोर्स ने असि नदी को उसके पहले वाले स्वरूप में लाने के लिए जल संरक्षण नीति अपनाई है। जिसमें गंगा मित्रों का भी सहयोग रहा। इस नदी के पानी को बायोरेमेडीएशन तकनीकी से साफ कर गंगा नदी में छोड़ा जाएगा। इस तकनीकी पर गंगा टास्क फ़ोर्स ने सफल ट्रायल कर लिया है। बारिश का मौसम आने से पहले यह तकनीकी असि नदी में स्थापित कर दी जाएगी। बायोरेमेडीएशन तकनीकी के तहत नाले पर बांस की जाली बनाकर तैर कर आने वाले ठोस पदार्थों को रोका जाता है।
इसके बावजूद बालू की बोरी लगा दी जाती है। पानी को रोका जाता है उसके पास ही बड़ा ड्रम लगाकर उसके नीचे लगी टोटी से पानी में बायोकल्चर गिराते हैं। इस कल्चर से निकलने वाले सूक्ष्म जीव है उनके एंजाइम्स इस पानी की गंदगी को हटा देते हैं। इससे नदी का पानी गंगा नदी में गिरने से पहले साफ हो जाता है। इसके अलावा पानी में प्लॉट डालकर फ्लोट के ऊपर केली और खस के पौधे लगाकर फाइटोरीमेडिएशन करके पानी में आने वाले हेवी मेटल्स को प्लांट अपनी जड़ों के द्वारा अपनी अंदर समा लेता है और इससे पानी कुछ हद तक साफ होता है। इस तकनीक को भारतीय सेना ने अपनाया है और भारतीय सेना ने ठाना है कि असि नदी को उसमें पहले वाले स्वरूप में लाकर रहेंगे।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि मेजर एल.एन.जोशी, गंगा टास्कफोर्स एवं सी. शेखर, व्यवस्थापक, महामना मालवीय गंगा शोध केन्द्र, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के साथ गंगा टास्कफोर्स सुबेदार महेन्द्र यादव उपस्थित थे। सफाई अभियान में 100 गंगामित्रों के साथ 50 आर्मी जवान एवं बहुत से संस्कृत विद्यालय के बटुक भी शामिल हुये थे। इस विशेष अभियान में नगवा नाले में बायोरेमीडेशन की प्रक्रिया हेतु दो जगहों पर डैम बनाकर पानी को रोकने की व्यवस्था की गयी उसके साथ नालों के किनारों पर कैना, जलकुम्भी आदि पौधों का रोपण किया गया। मुख्य अतिथि मेजर एलएन जोशी ने बताया किया हमारी गंगाटास्क फोर्स की टीम गंगामित्रों के साथ मिलकर असि नदी के उद्गम स्थान कंदवा तालाब की सफाई कर रही है।इस दौरान मेजर एनएल जोशी ने बायोरेमेडीएशन प्रोसेस के बारे में गंगामित्रों, गंगा प्रहरियों और अन्य गणमान्य नागरिकों को बताया और इसके फायदे बताएं।
उन्होंने आने वाले समय में इस प्रोसेस को काफी हद तक कारगर साबित होना बताया। इस मौके पर कंपनी के लेफ्टिनेंट महेंद्र यादव उनकी टीम जिन्होंने इस बायोरेमेडीएशन तकनीकी को इस गंगा नदी में स्थापित किया और आने वाले समय में असि नदी पर जगह-जगह में बायोरेमेडीएशन तकनीकी को अपनाकर पानी को साफ करके गंगा नदी में जाने दिया जाएगा। उन्होने कहा कि यह नगवा नाला जहां पर असिनदी गंगा से मिलती है उस संगम स्थान के पहले जो नाला है वहां पर ठोस अपशिष्ट का अम्बार लगा हुआ था हमारी टीम लगातार दो हफ्ते से कार्य कर रही है। आज हमलोगों ने वृहद् सफाई का अभियान चलाया एवं पौधारोपण भी किया। महामना मालवीय गंगा शोध केन्द्र के सी शेखर ने बताया किया हमारी गंगामित्रों की टीम गंगाटास्क फोर्स के साथ मिलकर पहले भी कई बार गंगा सफाई अभियान एवं जागरूकता कार्यक्रम सफलतापूवर्क सम्पन्न कर चुकी है।
असिनदी के लिये भी हमारे गंगामित्र साथ मिलकर एक बड़ी मुहीम पर कार्य कर रहे हैं। इसमें नमामिगंगे के अभियान असिनदी के लिये एक महत्वपूर्ण कार्य होगा। गंगामित्रों की टीम लीडर में मुख्यरूप से धर्मेन्द्र कुमार पटेल, रोहित सिंह, घनश्याम, भालवेन्द्र पाण्डेय,पंकज सिंह, संघमित्रा, स्नेहा कश्यप, निधि तिवारी के साथ की सभी लीडरों की टीम एवं अन्य गंगामित्र भी इस अभियान में जोश के साथ कार्य करे थे। सभी गंगामित्रों ने सफाई अभियान के साथ आस पास के लोगों में जागरूकता रैली निकालकर लोगों को जागरूक किया।