रविदास जन्म स्थली के पास इमली का पेड़ के पास भी लोग करते हैं पूजा
सिर गोवर्धनपुर स्थित रविदास जन्मस्थली के साथ हर वह स्थान पूजनीय है जहां रविदास जी रहते थे
रविदास जन्म स्थली के पास इमली का पेड़ के पास भी लोग करते हैं पूजा
ओमकार नाथ
वाराणसी, गुरुवार 25 फरवरी। सीर गोवर्धनपुर स्थित रविदास मंदिर में आस्था का सैलाब ऊपर पड़ा है। देश से ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु व दर्शनार्थी गुरु रविदास जी का दर्शन करने आते हैं। इस समय सीर गोवर्धनपुर रविदास जयंती के कारण भक्ति में हो चुका है। मंदिर परिसर रविदास जी के जयकारों भजन कीर्तन से गुंजायमान हो रहा है। वैसे तो पूरा क्षेत्र रविदास जी का माना जाता है परंतु मंदिर के पास ही इमली का भी पूजा कर रहे हैं जो आस्था का केंद्र बना हुआ है। यह पेड़ मंदिर के निकट ही स्थित है। मंदिर के पास बैठे एक दर्शनार्थी ने बताया कि या फिर अपने आप में विशेष महत्व रखता है। यहीं पर श्री गुरु रविदास जी महाराज ने बैठकर लोगों को दीक्षा और प्रवचन देते थे। जो समय के साथ लोगों के आस्था का केंद्र बनता गया। श्रद्धालु ने बताया कि हमारे लिए वह सभी पूजनीय है जहां पर गुरु रविदास महाराज का चरण पड़े हैं। हमें अपने ग्रुप और थोड़ी आस्था और विश्वास है। हम लगभग 20 सालों से गुरु महाराज के दर्शन के लिए हर वर्ष सिर गोवर्धनपुर आते हैं। पहले तो हम अकेले आते थे परंतु अब हम पूरे परिवार के साथ यहां पर दर्शन पूजन करने आते हैं।
मार्ग पर बने आस्था दुकान कहीं बन न जाए जाम का कारण
रविदास जयंती 27 फरवरी को है जिसमें लाखों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं। इस छोटे से मार्ग पर लाखों लोगों का जनसैलाब जाम का कारण बन जाता है। इस बात चितईपुर गेट के समीप पथरी के दोनों तरफ अस्थाई दुकानें बना दी गई है। जिससे मार्ग सिमटकर कुछ फूट में रह गया है। किस मार्ग पर वैसे भी आज दिन दबाव रहता है परंतु रविदास मेले के कारण इस पर ज्यादा ही दबाव रहेगा। नगर निगम और स्थानीय प्रशासन अगर जल्द ही अस्थाई दुकानों को नहीं हटाता है तो आने वाले दिनों में यह जाम का कारण बन जाएगा जो दोनों के लिए सिरदर्द होगा। स्थानीय नागरिको ने बताया की इस मार्ग पर बीएचयू चित्तूपुर सिर गेट सहित बिहार व झारखंड के राहगीरों व स्थानीय नागरिकों का आना जाना रहता है। जिससे आए दिन जाम लगा रहता है। ऊपर से या अस्थाई दुकानें और मेला के कारण और दबाव बढ़ जाएगा स्थानीय प्रशासन और नगर निगम को सक्रियता दिखाते हुए इनको तत्काल खाली करवा देना चाहिए या हटा देना चाहिए। जिससे दर्शन को आए दर्शनार्थियों को समस्याओं का सामना न करना पड़े।
दिखता है गजब का अनुशासन
देश विदेश से आए दर्शनार्थियों में गजब का अनुशासन देखने को मिलता है। यहां पर लोग सेवादार बनने के लिए लालायित रहते हैं। कुछ तो ऐसे हैं जो एक महीना पहले से ही आकर साफ-सफाई और सेवा भाव में जुड़ जाते हैं। मंदिर के साफ-सफाई रखरखाव दर्शन पार्किंग खानपान सभी जगह अनुशासन दिखता है। वही सेवादार का कहना है की सभी अनुशासित तरफ से लंगर चखने आते हैं। किसी को भी लाइन लगाने या पत्ती में बैठने के लिए नहीं कहा जाता परंतु यहां का अनुशासन देखकर लोग स्वयं ही उसका अनुसरण करने लगते हैं। कतार बड़ा होकर लोग भोजन करते हैं प्रसाद का वितरण करते हैं तथा अपने अपने टेंट में विश्राम करते हैं।
जूता पालिश तथा स्टैंड में रखने के लिए सेवादार करते हैं निशुल्क सेवा
मंदिर के निकट ही जूता स्टैंड बनाया जाता है। यह जूता स्टैंड लोगों के लिए बिल्कुल निशुल्क होता है। यही नहीं यहां पर लोग स्टैंड बनाने के लिए पहले से ही जगह बुक कर लेते हैं। जिसका भुगतान व स्वयं अपने पैसों से करते हैं। यही नहीं जूता स्टैंड में रहने वाले अपना भोजन चाय नाश्ता स्वयं बनाते हैं। जूता स्टैंड में रखने वाले श्रद्धालु व नागरिकों का जूता यह लोग निशुल्क पालिश करते हैं। यह पालिश जूता स्टैंड की तरफ से निशुल्क होता है। इस स्टैंड पर टोकन की व्यवस्था रहती है। जूता स्टैंड में काम करने वाले लोगों का कहना था कि जब श्रद्धालु अपनी जूता इस टाइम में निकाल कर चले जाते हैं उसके बाद हम लोग पाली स्तर के श्रद्धालु का जूता रख देते हैं जिसे वापस आने पर उसे दे देते हैं।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना होगा चुनौतीपूर्ण कार्य
सिरगोवर्धनपुर स्थित रविदास मंदिर पर लाखों श्रद्धालु दर्शन पूजन को आते हैं, इन सबके बीच नेताओं का आने की सूचना प्राप्त हो रही है। कोरोना जिला प्रशासन द्वारा पूर्व में भी गाइडलाइन दिया जा चुका है। मंदिर प्रशासन व जिला प्रशासन के लिए सबसे बड़ा कार्य सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना होगा। जहां लाखों श्रद्धालु और नेतागण मंदिर में दर्शन पूजन को आ रहे हैं ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना दोनों के लिए काफी दुरुह कार्य होगा। लोगों को कोरोनावायरस से बचाने के लिए मास्क, सेनीटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना बेहद जरूरी है।