हिरोशिमा दिवस पर सारनाथ में बुद्ध प्रतिमा के समक्ष संकल्प के साथ हुआ समापन
हिरोशिमा दिवस पर सारनाथ में बुद्ध प्रतिमा के समक्ष संकल्प के साथ हुआ समापन
पूर्वांचल के 10 जिलों में लगभग 650 किलोमीटर मार्ग पर किया गया व्यापक जन संवाद
वाराणसी, 6 अगस्त: एक देश समान शिक्षा अभियान एवं आशा ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गयी 7 दिवसीय जन अधिकार चेतना यात्रा का सारनाथ पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया. मुंशी प्रेमचंद की जयंती के अवसर पर 31 जुलाई को उनके गाँव लमही से प्रारंभ हुयी यह यात्रा 10 जिलों में लगभग 650 किलोमीटर की दूरी तय करके 6 अगस्त हिरोशिमा दिवस पर सारनाथ में भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ सम्पन्न हुयी. बुद्ध मंदिर के समक्ष संकल्प लिया गया कि शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, खेती जैसे मुद्दों पर समाज और नीति निर्माताओं को प्रेरित करने के लिए जनांदोलन और तेज किया जाएगा. यात्रा का स्वागत करते हुए समाजवादी चिंतक अफलातून ने कहा इस यात्रा के माध्यम से बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के अधिकार और खेती किसानी से जुड़े मौलिक सवालों पर जन संवाद स्थापित हुआ जिससे ये सवाल तमाम राजनैतिक पार्टियों और चुनाव में आने वाले प्रत्याशियों तक पहुंचे और वे इसके प्रति संवेदनशील बन सकें सदन में जाने पर उनकी कोई जवाबदेही सुनिश्चित हो. यात्रा के संयोजक दीन दयाल सिंह कहा कि देश में शिक्षित युवा रोजगार गारंटी कानून की आवश्यकता जिसके तहत हर युवा को उसकी योग्यता के अनुसार सम्मानजनक रोजगार का अवसर मिलना सुनिश्चित हो. हस्तकला उत्पादों एवं खादी को जीएसटी से मुक्त रखा जाय.
सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने कहा कि सभी के लिए गुणवत्ता पूर्ण समान शिक्षा की नीति पूरे देश में व्यवहारिक रूप से लागू की जाय. कोठारी आयोग की रिपोर्ट को लागू किया जाय. के. जी. से पी. जी. तक उच्च स्तरीय शिक्षा मुफ्त एवं मातृ भाषा में उपलब्ध हो. किसान नेता राम जनम ने कहा कि जनता को शिक्षा, स्वास्थ्य रोजगार और खेती किसानी जैसे मुद्दे पर अपने क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों, राजनैतिक दल के कार्यकर्ताओं , संभावित प्रत्याशियों तक पहुंचाने और उन्हें इसे लागू करने के लिए अपने स्तर से प्रयास करने के लिए प्रेरित करना चाहिए. भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष लक्ष्मण प्रसाद ने कहा फसल बीमा योजना समाप्त कर दी जाय, इसके बजाय प्रत्येक खेत की प्राकृतिक आपदा से हुयी हानि की 100 प्रतिशत भरपाई सुनिश्चित हो. सूखा, ओला, पाला, कीट, बाढ़ जैसे सभी कारण शामिल किये जांय. किसानो की सम्पूर्ण फसल की शासकीय खरीद की गारंटी हो, आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि देश में स्वास्थ्य का अधिकार कानून बने पंचायत स्तर पर अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य केंद्र बनाएं जाएँ और इनमे उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ साथ पैथोलोजी जांच की भी सुविधा उपलब्ध हो. पंचायत स्तर पर ग्रामीण एम्बुलेंस सेवा की उपलब्धता हो. मनरेगा मजदूर यूनियन के संयोजक सुरेश राठोर ने कहा कि शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार और खेती के मुद्दे आम जनता से जुड़े हुए हैं, इन पर सरकारें प्रायः बहुत इमानदार नही दिखती हैं, जनता को जागरूक होकर अब इन मुद्दों पर सवाल खड़े चाहिए, जन अधिकार चेतना यात्रा इस मामले में आम जनता को चैतन्य करने के अपने उद्देश्य में सफल रही है. सांस्कृतिक टीम प्रेरणा कला मंच के कलाकारों ने जन वादी गीतों के माध्यम से समाज को और बेहतर बनाने का सन्देश दिया. इस अवसर पर पोस्टर प्रदर्शनी, हस्ताक्षर अभियान, परचा वितरण आदि भी किया गया. कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ लेनिन रघुवंशी, नंदलाल मास्टर, मिथलेश, सुरेंद्र सिंह, फादर प्रणय, प्रदीप, सूरज, मनोज राठोर, महेंद्र, राजकुमार गुप्ता, अजय पटेल, हौशिला यादव, प्रियंका, नेहा, श्रद्धा, कुसुमलता, दीन दयाल, प्रमुख रूप से सहभागिता रही,