दृष्टिबाधित छात्रों ने बीएचयू विश्वनाथ मंदिर से काशी विश्वनाथ मंदिर तक निकाली जन – जागरूकता यात्रा
दृष्टिबाधित छात्रों ने बीएचयू विश्वनाथ मंदिर से काशी विश्वनाथ मंदिर तक निकाली जन – जागरूकता यात्रा
वाराणसी, बुधवार 27 जुलाई। श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय के मसले पर आंदोलकारी छात्रों ने जन जागरूकता यात्रा निकाली। दृष्टिबाधित छात्र, विकलांग अधिकार संघर्ष समिति के बैनर तले बीएचयू के विश्वनाथ मंदिर में जुटे और वहां लोगों को इस मसले पर जागरूक करने के लिए एक सभा की और पर्चे बांटे। छात्रों ने इसके बाद ई-रिक्शा से यात्रा की शुरुआत की और लंका, रविदास गेट, अस्सी, शिवाला, सोनारपुरा, गौदौलिया चौराहे पर रुककर लोगों को जलान्स द्वारा ब्लाइंड स्कूल बंद करने की बात समझाई। छात्रों ने बताया कि जलान ग्रुप के ट्रस्ट का फैसला है कि अंध विद्यालय को नवीं से बारहवीं कक्षा तक बंद कर देना चाहिए। उत्तरप्रदेश में दृष्टिबाधित छात्रों के लिए केवल चार अन्ध विद्यालय है। इस परिस्तिथि में जब इस तरह के विशेष विद्यालयों का सर्वथा अभाव है, प्रधानमंत्री के शहर में एक ऐसे अन्ध विद्यालय का बंद किया जाना जिसे सरकारी अनुदान भी प्राप्त होता है, अत्यंत निंदनीय है। अन्ध विद्यालय को सरकार द्वारा अनुदान भी प्राप्त होता है। पहले 75% प्रतिशत अनुदान प्राप्त होता था लेकिन सरकार द्वारा विकलांगों को दिव्यांग कहे जाने के बाद 2014 से यह अनुदान कट कर 50% हो गया और 2019-20 में सरकार से अनुदान भी बंद हो गया। छात्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लगातार अपने भविष्य को बचाने की गुहार लगा रहे हैं।
छात्रों की मांग है कि :-
1-इस अन्ध विद्यालय को सरकार पूर्णतया अपने अधिकार क्षेत्र में ले और हमें हमारा अधिकार भीख या सेवा के बजाय अधिकार बोध के साथ प्रदान किया जाए।
2-विद्यालय से निकाले गए छात्रों को वापस दाखिल किया जाए और उनकी कक्षाओं और परीक्षाओं का उचित प्रबंध किया जाए।
3-तत्काल प्रभाव से विद्यालय को पुनः संचालित किया जाए।
दृष्टिबाधित छात्रों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप कर स्कूल को बचाने की गुहार लगाई और कहा कि ये आंदोलन तब तक अनवरत जारी रहेगा जब तक हमारा स्कूल शूरु नही हो जाता। यात्रा में अभय शर्मा, वैभव त्रिपाठी, अर्जुन, साक्षी, शशि, यशवंत, भोले, राकेश, जोगिंदर, गोपाल और रूपेश शामिल रहे।