समन्वित ग्रामीण विकास केंद्र में कार्यशाला का हुआ आयोजन
समन्वित ग्रामीण विकास केंद्र में “गौ आधारित कृषि एवं रसोई में उपलब्ध सामग्री से औषधि का निर्माण” विषय पर हुआ कार्यशाला
वराणसी। समन्वित ग्रामीण विकास केन्द्र, सामाजिक विज्ञान संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत डॉ. आलोक पांडेय के निर्देशन में गौ उत्पाद आधारित कृषि कार्य एवं औषधि तैयार करने की विधि पर व्याख्यान और प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डॉ. आलोक पांडेय ने कार्यक्रम के शुरुआत में केंद्र के बारे में बताते हुए 40 वर्षों में केंद्र के द्वारा संचालित कार्यक्रमों , ग्रामीण विकास के क्षेत्र में किये गए प्रयासों की जानकारी दी। कुमारी अनिंदिता तिवारी ने रसोईघर से सबंधित सामग्री से उपचार विधि एवं कुमारी मालती ने गौ आधारित खेती पर अपने विचार रखें। मुख्य अतिथि के रूप में संस्कृत महाविद्यालय, मिर्जापुर के समाज शास्त्र के व्याख्याता , नीति आयोग के सदस्य एवं समाजसेवी अरविंद उपस्थित रहें। अपने उद्बोधन में स्वस्थ जीवन के लिए भारतीय नस्ल की गाय एवं उससे प्राप्त पंचगव्य जैसे दूध, दही, घी, गोमूत्र एवं गोबर अपनाने की बात कही। गाय से हम आर्थिक लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं। जैविक खेती में हम गाय से प्राप्त गोमूत्र एवं गोबर का प्रयोग करके एक स्वस्थ एवं सुखी जीवन अपना सकते हैं। उन्होंने केंद्र के विद्यार्थियों को गाय से प्राप्त उत्पादों से तैयार सामग्री से कृषि के विभिन्न कार्यों को संपादित करने और रसायनों के प्रयोग को इससे प्रतिस्थापित करने के बारे में बताया तथा इसको प्रयोग में लाने पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने पंचगव्य और रसोईघर में विद्यमान सामानों से कुछ जटिल बीमारियों के उपचार के लिए औषधियों के तैयार करने की विधियों पर चर्चा किया। वे भारतीय संस्कृति के उन पारंपरिक विधियों पर जोर दिए जो पूरी तरह से वैज्ञानिक हैं और उनके प्रयोगविधि में किसी भी प्रकार के हानि की आशंका नहीं हैं। उन्होंने गाय पालन से होने वाले फायदे और ग्रामीण जीवन मे उसके सकारात्मक आर्थिक प्रभाव के बारे में भी बताया। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने अमृतधारा, गौघृत बाम, जीवामृत , घन जीवामृत, कीट नियंत्रक, तक्रासव, कोरोना से बचाव की विधि, गोमय दीपक एवं धूप को कार्यशाला के दौरान बनाकर दिखाया भी। कार्यशाला में सामुदायिक स्वास्थ्य विभाग से प्रोफ अरुण कुमार दुबे जी ने भी अपने विचार रखे। कार्यशाला में आवश्यक वस्तुओं जैसे गाय के गोबर गोमूत्र घी इत्यादि की व्यवस्था केंद्र के विद्यार्थियों के द्वारा अनुराग कश्यप के निर्देशन में की गयी थी। कार्यक्रम का संचालन कुमारी शिखा स्वर्णकार ने किया और कुलगीत आनंदिता, मालती, पुष्पांजलि, श्वेता एवं प्रत्युष के द्वारा प्रस्तुत किया गया। मुख्य अतिथि का सम्मान शाल एवं स्मृति चिन्ह देकर किया गया। यह कार्यक्रम पूरी तरह से स्वदेशी उत्पादों और उससे होने वाले लाभों के इर्दगिर्द केंद्रित रहा। इस प्रशैक्षणिक कार्यक्रम के दौरान चतुर्थ सेमेस्टर के विद्यार्थी और सिलाई केंद्र की छात्राएं उपस्थित थे। प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े। कार्यक्रम के दौरान सिलाई केंद्र से आरती विश्वकर्मा तथा पुस्तकालय से डॉ. सुमन सिंह कार्यक्रम में मौजूद रहीं। अनुराग कश्यप, आलोक , राहुल, अनुराग, उदित, सुकुल, श्रवण, इनायत, प्रत्यूष, शुभम, राणा, मुनचुन, और रौशन कार्यक्रम में उपस्थित रहें और अपना सहयोग प्रदान किये।अनिल कुमार भूषण, रामजी, रामलखन, सतीश कुमार वर्मा सम्मिलित थे ।