कोरोना के नए स्ट्रेन ने बढ़ाई चिंता, इन 7 लक्षणों से रहें सावधान,
कोरोना के नए स्ट्रेन ने बढ़ाई चिंता,
इन 7 लक्षणों से रहे सावधान,हिंदुस्तान में कोविड 19 से स्वस्थ होने की प्रतिशत दर जरूर बढ़ा है और वह 95.99 प्रतिशत तक हो गई है वहीं दूसरी ओर कोरोना के नए स्ट्रेन ने चिंता बढ़ा दिया है, ब्रिटेन से भारत लौटे कई लोगों में वायरस के नए संक्रमण की पुष्टि हुई है, हिंदुस्तान में कोरोना का नया स्ट्रेन ज्यादा सक्रमांक हो सकता है इस बात की आशंका एम्स के प्रमुख रणदीप गुलेरिया ने जताई है, रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस के प्रति हर्ड इम्युनिटी बनाना एक मिथक है क्योंकि इसके लिए 80% आबादी में कोरोना संक्रमण के प्रति एंटीबॉडी बनना जरूरी है, जो हर्ड यूनिटी के तहत पूरी आबादी की सुरक्षा के लिए जरूरी बताया गया है, पुराने कोरोना के लक्षण से अलग थे, वर्ष 2019 के अंत में चीनी शहर वुहान से दुनिया भर में फैले कोरोना संक्रमण दक्षिण में मिले पुणे ट्रेन से अलग थे शुरुआती दौर में कोरोना के लक्षण में बुखार आना खासी लगातार आना और स्वाद नहीं आने के साथ-साथ गंध खोने की शिकायत शामिल थे, लेकिन कोरोना के नए लक्षण इससे अलग हैं, शोधकर्ताओं का मानना है कि नए नए स्ट्रेन की उत्पत्ति कोरोना उत्परिवर्तन(म्यूटेशन) की वजह से हुई है कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के लक्षण कुछ अलग पाए गए हैं, इनके लक्षण हैं शरीर में दर्द एवं पीड़ा, गले में खराश, आंख आना, सिर दर्द, डायरिया, त्वचा पर रैशेज पड़ना, पैर की उंगलियों का रंग बिगड़ना के नए स्ट्रेन के मुख्य लक्षण है, कुछ अन्य शोधकर्ताओं ने भी इसकी पुष्टि की है शोधकर्ताओं ने विस्तृत आंकड़ों का भी अध्ययन किया है, इसमें में पाया कि प्रकृति में पहला बदलाव सितंबर में ब्रिटेन के केंट में दर्ज किया गया था, कोरोना वायरस का दूसरा पैटर्न दक्षिण अफ्रीका में मिला था इसके बाद दुनिया के कई देशों में फैल चुका है,
शोधकर्ताओं ने लोगों के डाटा को तीन श्रेणियों में विभाजित किया है,
पहला आउट पेशेंट दूसरा इन पेशेंट और तीसरा आईसीयू में भर्ती मरीज, इन तीनों मरीजों के बीच में अंतर जानने की कोशिश की गई 70.228 लोगों में से 53.4 प्रतिशत अस्पताल में भर्ती हुए 4.7 प्रतिशत लोग आईसीयू में भर्ती हुए और शेष 46.6% आउट पेशेंट थे,