“कृषि निर्यात में गुणवता उत्पाद की भूमिका” पर प्रशिक्षण और संवेदीकरण कार्यक्रम हुआ सम्पन्न
“कृषि निर्यात में गुणवता उत्पाद की भूमिका” पर प्रशिक्षण और संवेदीकरण कार्यक्रम हुआ सम्पन्न
यूके, यूएई के राजनयिकों ने कृषि उत्पादों विशेषकर आम, चावल, अन्य फल एवं सब्जियों के निर्यात पर जोर दिया और भारत के उद्यमी व किसानों को इसके निर्यात करने पर फोकस करने को कहा
प्रधानमंत्री ने निर्यात के प्रमुख हितधारकों के साथ वर्चुअल बैठक का देखा लाइव प्रसारण
वाराणसी, शुक्रवार 6 अगस्त। “कृषि निर्यात में गुणवता उत्पाद की भूमिका” पर प्रशिक्षण और संवेदीकरण कार्यक्रम और उसके बाद निर्यात हितधारकों को प्रधानमंत्री का संबोधन भारत सरकार आर्थिक गतिविधियों के विस्तार और रोजगार के अवसर पैदा करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए निर्यात बढ़ाने पर बहुत जोर देती है। सरकार द्वारा दी गई प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए और इन पहलों को गति प्रदान करने के लिए, भारत के प्रधानमंत्री ने निर्यात के प्रमुख हितधारकों के साथ वर्चुअल बैठक की। बैठक में संबंधित केंद्रीय मंत्रियों, संबंधित मंत्रालयों के सचिवों, सभी भारतीय राजदूतों/उच्चायुक्त (बांग्लादेश, ब्राजील, चीन, यूरोपीय संघ, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, यूएई, यूके और यूएसए), कमोडिटी बोर्ड आदि ने भाग लिया। इसे ध्यान में रखते हुए कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत एक शीर्ष निकाय – भारत सरकार वाराणसी कार्यालय ने गुरुवार को कमिश्नरी ऑडिटोरियम में “कृषि निर्यात में गुणवत्ता वाले उत्पाद की भूमिका” पर एक प्रशिक्षण और संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमें बीएचयू, आईआई वीआर, आईआरआरआई, केवीके और बागवानी विभाग के वैज्ञानिकों ने उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया और किसानों/एफपीओ के बीच गुणवत्तापूर्ण खेती की तकनीकी का प्रसार किया। वाराणसी क्षेत्र के लगभग 150 किसानों/निर्यातकों ने भाग लिया और लाभान्वित हुए। भारत पूरी दुनिया में एक विश्वसनीय और विश्वसनीय भागीदार साबित हुआ है, और समय पर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उपलब्ध कराने की अधिक क्षमता रखता है। कृषि वस्तुओं के गति पकड़ने से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे, अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, राजस्व में वृद्धि होगी और सरकार वंचित वर्गों की अधिक वास्तविक तरीके से मदद कर सकेगी। भारत के इतिहास में एक तिमाही (Q1 2021-22, USD 95 बिलियन) में अब तक का सबसे अधिक व्यापारिक निर्यात दर्ज किया गया है। भारत ने 2021-22 में 400 बिलियन अमरीकी डालर के व्यापारिक निर्यात का लक्ष्य रखा है। COVID-19 के बावजूद, श्रम प्रधान क्षेत्रों (कृषि उत्पाद यानी आम, चावल आदि) में तेजी से निर्यात वृद्धि देखी गई। प्रधानमंत्री के उक्त वर्चुअल बैठक का कमिश्नरी ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में लाइव प्रसारण देखा गया। मंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनयिकों, अधिकारियों निर्यातकों एवं कृषकों को संबोधित करते हुए शहद के निर्यात में बहुत संभावना होने का जिक्र कर विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि राज्य सरकारे अपने यहां कुछ प्रोडक्ट निश्चित करें उस प्रोडक्ट को निर्यात के लिए राजनयिकों व निर्यातकों के साथ मिलकर उसका प्लान तैयार कर निर्यात पर फोकस करें। इस दौरान यूके, यूएई के राजनयिकों ने कृषि उत्पादों विशेषकर आम, चावल, अन्य फल एवं सब्जियों के निर्यात पर जोर दिया और भारत के उद्यमी व किसानों को इसके निर्यात करने पर जोर दिया।