नए कानून की धाराओं के तहत एक जुलाई से मामले दर्ज किए जाएंगे, ससंद के शीतकालीन सत्र में कानूनों को पास किया गया था,
बदल गई हत्या की धारा, धोखाधड़ी करने वाला नहीं कहलाएगा ‘420,
(New Criminal Laws) नया आपराधिक कानून 1 जुलाई से लागू होने वाला है। ससंद के शीतकालीन सत्र में इन तीनों कानूनों को पास किया गया था। इन तीनों कानून के लागू होने से भारत की न्याय प्रणाली दुनिया की सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली होगी। इस नये प्रस्तावित कानून में कई खूबियां हैं और इसे विशेषकर अपराध के पीड़ित को ध्यान में रख कर बनाया गया है।
जेएनएन, नई दिल्ली। New Criminal Laws। तीन नए क्रिमनल लॉ एक जुलाई से लागू होने वाले हैं। गृह मंत्रालय ने आराधिक भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के लागू होने संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। तीनों कानून अंग्रेजों के जमाने में बनाए गए आइपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य कानून की जगह लेंगे।
एक जुलाई से विभिन्न अपराधों के लिए एफआईआर नए कानून की धाराओं के तहत मामले दर्ज किए जाएंगे। तीनों कानून को पिछले साल 21 दिसंबर को संसद से मंजूरी मिल गई थी।नए कानूनों को लागू होने के बाद आतंकवाद से जुड़े मामलों में गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA) के अलावा भारतीय न्याय संहिता और भारतीय नागरिक और सीआरपीसी कानून में इसका कोई प्रविधान नहीं था। इसी तरह मॉब लीचिंग भी पहली बार अपराध की श्रेणी में आ जाएगा।
एक जुलाई से विभिन्न अपराधों के लिए एफआईआर नए कानून की धाराओं के तहत मामले दर्ज किए जाएंगे। तीनों कानून को पिछले साल 21 दिसंबर को संसद से मंजूरी मिल गई थी।नए कानूनों को लागू होने के बाद आतंकवाद से जुड़े मामलों में गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA) के अलावा भारतीय न्याय संहिता और भारतीय नागरिक और सीआरपीसी कानून में इसका कोई प्रविधान नहीं था। इसी तरह मॉब लीचिंग भी पहली बार अपराध की श्रेणी में आ जाएगा।
हिट एंड रन से संबंधित धारा तुरंत नहीं होगी लागू
केंद्र सरकार ने भारतीय न्याय संहिता की धारा-106 (2) को फिलहाल स्थगित रखा है यानी हिट एंड रन से जुड़े अपराध से संबंधित ये प्रविधान एक जुलाई से लागू नहीं होगा। इस धारा के विरोध में जनवरी के पहले सप्ताह में देशभर में चालकों ने हड़ताल की थी और उसके बाद सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा था।केंद्र ने आश्वासन दिया था कि इस कानून को अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के परामर्श के बाद ही अमल में लाया जाएगा,
इस कानून के तहत उन चालकों को 10 साल तक की कैद और जुर्माने का प्रविधान है जो तेज गति और लापरवाही से वाहन चलाकर किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनते हैं और घटना के बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को इसकी सूचना दिए बिना वहां से भाग जाते हैं।
पुलिसकर्मियों और अभियोजकों को मिल रही ट्रेनिंग,
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार जुलाई के पहले देशभर के पुलिस कर्मियों, अभियोजकों और जेल कर्मियों के प्रशिक्षण का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए तीन हजार प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण का काम पूरा किया जा चुका है। इसी तरह से ट्रायल कोर्ट के जजों के प्रशिक्षण का काम भी चल रहा है।