महिला एसोसिएट प्रोफेसर ने आग लगाकर की आत्महत्या
बीएचयू की महिला एसोसिएट प्रोफेसर ने आग लगाकर की आत्महत्या
महिला प्रोफेसर की बेटी ने शोर मचाने पर बचाने को दौड़े सुरक्षाकर्मी
वाराणसी, सोमवार 19 जुलाई। काशी हिंदू विश्वविद्यालय कैंपस में विज्ञान संस्थान के मॉलीक्यूलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स डिपार्टमेंट की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. किरण सिंह (45) ने आग लगा कर आत्महत्या कर ली। डॉ किरण सिंह सरोजिनी नायडू हॉस्टल की वॉर्डेन थी। वह हॉस्टल में ही अपने बेटी के साथ रहती थी। जब घर हमसे लपटें उठती हुई देखी और मां के चीखने की आवाज सुनी तो डॉ. किरण की बेटी के शोर मचाने लगी। आवाज सुनकर बीएचयू प्रॉक्टरोयिल बोर्ड के सुरक्षाकर्मी घटनास्थल की ओर दौड़े पड़े और जिसकी सूचना फायर ब्रिगेड को दी गई। हालांकि जब तक आग पर काबू पाया जाता तब तक डॉ. किरण की मौत हो गई थी। डॉ. किरण किन कारणों से आत्महत्या जैसे घटना को अंजाम दिया की फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गोरखपुर की मूल रूप से रहने वाली डॉ. किरण सरोजिनी नायडू हॉस्टल परिसर में बने सरकारी आवास में पति विवेक सिंह और बेटी स्वयंप्रभा उर्फ एनी के साथ रहती थी। डॉ. किरण के पति विवेक किसी काम से भोजूबीर गए थे और उनकी बेटी भूतल में बने कमरे में खेल रही थी। डॉ. किरण का नौकर राजेंद्र प्रसाद उनके आवास की साफ-सफाई करने के लिए उनके घर आया था तो उन्होंने मना कर दिया और कहा कि कल आना। इसी बीच उनकी बेटी देखी कि घर के प्रथम तल पर स्थित कमरे से धुआं बाहर निकल रहा है। इस पर वह चीखी तो आसपास के लोग दौड़े। हालांकि आग बुझाने से पहले ही डॉ. किरण की मौत हो गई थी। डॉ. किरण की आत्महत्या की सूचना पाकर लंका थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। लंका थानाध्यक्ष महेश पांडेय ने बताया कि प्रथम दृष्टया यही समझ में आया है कि कागज जला कर प्रोफेसर ने स्वयं को आग लगाई हैं। फिलहाल फोरेंसिक टीम घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र कर रही है। प्रोफेसर के पति और बेटी फिलहाल कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं हैं। पता लगाया जा रहा है कि आखिर किन कारणों से प्रोफेसर ने आत्महत्या की है। उनके मायके वालों को भी सूचना दे दी गई है। तहरीर के आधार पर प्रकरण में आगे की कार्रवाई की जाएगी। घटना के दौरान काफी संख्या में भीड़ इकट्ठा हो गई थी।