भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन पर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति ने जताया शोक
भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन पर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति ने जताया शोक
वाराणसी। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन पर गहरा शोक जताया तथा श्रद्धा सुमन अर्पित किया। बता देगी लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में मुम्बई के ब्रिच कैंडी अस्पताल में रविवार की सुबह निधन हो गया। लता मंगेशकर के निधन पर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय परिवार स्तब्ध और मर्माह्त है। कुलपति प्रो त्रिपाठी ने कहा कि भारत रत्न लता जी ने 36 भारतीय भाषाओं में अपने स्वर को दिया। 1000 से अधिक हिन्दी गीतों को आवाज देने वाली लता दीदी को 1989 मे दादा साहेब फाल्के पुरस्कार तथा 2001 मे भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिया गया था। आपके निधन से भारतीय संगीत के एक युग का अन्त हो गया। कुलपति ने कहा कि लता जी भारतीय संस्कृति और साहित्य कला के जननी के रूप में स्थापित थी। उन्होंने बाबा विश्वनाथ जी से प्रार्थना किया कि आपकी आत्मा की शिव सायुज्य प्रदान करें। शोक व्यक्त करने वालों विश्वविद्यालय परिवार सहित निदेशक प्रकाशन डॉ पद्माकर मिश्र, प्रो रमेश प्रसाद, जनसम्पर्क अधिकारी शशींद्र मिश्र आदि प्रमुख थे।