वायु प्रदूषण और बेरोजगारी से निपटने सौर ऊर्जा का लें सहयोग
वायु प्रदूषण और बेरोजगारी से निपटने सौर ऊर्जा का लें सहयोग, क्लाइमेट एजेंडा का सौर ऊर्जा जन घोषणापत्र जारी
क्लाइमेट एजेंडा ने बनारस में सौर ऊर्जा के लिए जारी किया जन घोषणापत्र, सभी राजनीतिक दलों से समर्थन की अपील
सौर ऊर्जा क्षेत्र में लाखों संभावित नौकरियाँ, बेरोजगारी ओर पर्यावरण संकट को कर सकता है दूर
स्वच्छ और समग्र विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सरकार सौर ऊर्जा उद्योग के लिए बढ़ाये सब्सिडी
वाराणसी, शुक्रवार 23 जुलाई: गोलघर स्थित पराड़कर भवन में सूरज से समृद्ध उत्तर प्रदेश अभियान के अंतर्गत एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया. इस प्रेस वार्ता को मुख्य रूप से क्लाइमेट एजेंडा की सानिया अनवर, सामाजिक कार्यकर्ता और सर्वोदय विकास समिति के अध्यक्ष सतीश सिंह ने संबोधित किया. इस अवसर पर अभियान की ओर से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए सौर ऊर्जा के विषय पर लाखों लोगों के समर्थन से तैयार हुए जन घोषणा पत्र को भी जारी किया.
सौर ऊर्जा के विषय पर जारी इस जन घोषणा पत्र के प्रमुख बिन्दुओं के बारे में बताते हुए क्लाइमेट एजेंडा की अभियानकर्ता सुश्री सानिया अनवर ने कहा: यह जन घोषणा पत्र वाराणसी समेत यूपी के चार अन्य सोलर शहरों में योजना के कुशल और समयबद्ध अनुपालन की मांग करता है. साथ ही, प्रदेश की भौगोलिक और सांस्कृतिक संरचना के आधार पर योजना के विस्तार की मांग भी घोषणा पत्र में प्रमुखता से उठाई गयी है. यह जन घोषणा पत्र वाराणसी समेत उत्तर प्रदेश के तीर्थ, पर्यटन, पर्यावरण और नौजवानों के रोजगार / नौकरी आदि को मजबूत करने के लिए सौर ऊर्जा के अधिकतम उपयोग को बढ़ावा देने पर केन्द्रित है. अनवर ने कहा: “अयोध्या में बन रहे राम मंदिर और बाबरी मस्जिद की भव्य इमारतों में सौर ऊर्जा व्यवस्था को मुख्य ऊर्जा श्रोत के रूप में आत्मसात करना एक बहुत ही बड़ी मिसाल है. प्रदेश और देश के अन्य धार्मिक, पर्यटन स्थलों व आवासीय कालोनियों को भी इस मिसाल से सीखते हुए सौर ऊर्जा को अपने प्रमुख ऊर्जा श्रोत के रूप में अपनाना चाहिए. अगर ऐसा हुआ तो यकीनन हमारे समाज में सौर ऊर्जा के प्रति व्याप्त सारे मिथक टूट जायेंगे और व्यापक पैमाने पर सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से पर्यावरण की बेहतरी और नौजवानों के रोजगार का रास्ता भी खुलेगा”. उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से सौर ऊर्जा पर जन घोषणा पत्र को अगले विधानसभा चुनाव के लिए अपने राजनीतिक घोषणापत्र में शामिल करने की अपील की. इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता सतीश सिंह ने कहा : कोविड महामारी ने भारत में करोड़ों लोगों को प्रभावित किया है और उत्तर प्रदेश सबसे कठिन परिस्तिथियों से गुजरने वाले राज्यों में से एक है। बहुत कम समाधानों के साथ बेरोजगारी दर आसमान छू रही है।
मेरठ, कानपुर, लखनऊ, आगरा जैसे अधिक ऊर्जा खपत वाले शहरों को सोलर शहर योजना का हिस्सा बना कर और सभी चुने गए शहरों में इस योजना का कुशल क्रियान्वयन कर के प्रदेश की अर्थ व्यवस्था में निवेश और सुधार की शानदार संभावना बनाई जा सकती है. शहरों में रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन योजना बेरोजगार युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार पैदा करेगी, साथ ही कोयला आधारित बिजली घरों से आने वाले प्रदूषण और सालाना अरबों रुपये की सब्सिडी से छुटकारा पाना भी संभव होगा. मध्यम आय वर्ग के परिवारों के लिए सब्सिडी बढाए जाने की मांग रखते हुए श्री सतीश सिंह ने कहा: यह घोषणापत्र आम लोगों के लिए सब्सिडी बढाए जाने की वकालत प्रमुखता से करता है. वर्तमान में सोलर पैनल आदि के महंगे होने के कारण लोग चाह कर भी सौर ऊर्जा को मुख्या ऊर्जा श्रोत के रूप में इस्तेमाल नहीं कर पाते. अगर सरकार की ओर से न्यूनतम 50% की सब्सिडी मिले, तो सरकारों को आम आदमी की बिजली से जुडी जिम्मेदारियों से मुक्ति भी मिल जायेगी और पर्यावरण से लेकर रोजगार आदि कि समस्या भी सुलझ जायेगी.