दोषी ठहराए गए राजनेता वापस कैसे आ सकते हैं ? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और चुनाव आयोग से MPs/MLAs पर आजीवन प्रतिबंध लगाने के बारे मे पूछा ?
दोषी ठहराए गए व्यक्तियों के MPs/MLAs के रूप में चुनाव लड़ने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजनीति का अपराधीकरण बहुत बड़ा मुद्दा है और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8 और 9 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने पर भारत संघ और चुनाव आयोग (ECI) से जवाब मांगा। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की खंडपीठ एडवोकेट अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा शुरू की गई जनहित याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए गए MPs/MLAs को आजीवन अयोग्य ठहराए जाने की मांग की गई थी। उल्लेखनीय है कि इस जनहित याचिका के माध्यम से याचिकाकर्ता ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के उन प्रावधानों को भी चुनौती दी, जो केवल दोषी ठहराए गए राजनेताओं को जेल की सजा काटने के बाद छह साल तक चुनाव लड़ने से रोकते हैं,