रामकथा मन्दाकिनी शोभायात्रा सांकेतिक रुप से होगा आयोजित
कोविड-19 के कारण श्री रामकथा मन्दाकिनी शोभायात्रा सांकेतिक रुप से होगा आयोजित
वाराणसी, मंगलवार 20 अप्रैल। भारत की सांस्कृतिक राजधानी काशी मे श्री रामकथा मंदाकिनी शोभायात्रा की शुरूआत आज से तीन दशक पूर्व उस समय हुई जब पूरे भारतवर्ष में रामायण धारावाहिक पूरे चरमोत्कर्ष पर था। जैसे ही धारावाहिक प्रारम्भ होता था लोग टीवी के सामने इकट्ठे हो जाते थे, सड़के सुनसान हो जाती थीं। उसी समय काशी के कुछ प्रबुद्वजनों ने आपस मे विचार विमर्श किया कि रामायण धारावाहिक के पात्रों को काशी में आमंत्रित किया जाये। तब यह संकल्प भारत विकास परिषद् वाराणसी ने पूर्ण किया। रामायण धारावाहिक के सभी पात्र अपनी सम्पूर्ण वेशभूषा के साथ जब माॅ गंगा के आँचल पर सजे धजे बजड़े पर सवार हुये तो पूरी काशी गंगा तट पर जमा हो गयी। लाखों लाख श्रद्धालुओं ने अस्सी से राजघाट तक माँ गंगा के किनारे सीढ़ियों से भगवान श्री राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, हनुमानजी एवं रावण के रूप में सजे कलाकारों का नयनाभिराम अवलोकन किया। यह घटना 1988 की है। तभी संकट मोचन मदिर के मंहत स्व. पूज्य डा. वीरभद्र मिश्र, स्व. डा. भानुशंकर मेहता, डा. बांके बिहारी श्रीवास्तव ने यह संकल्प लिया कि प्रतिवर्ष भगवान श्रीराम के जन्मदिवस – रामनवमी के अवसर पर माँ गंगा के आँचल पर भगवान श्री राम के जीवन पर आधारित सजीव झांकियाँ सजे धजे बजड़े पर निकाली जायेंगी। 1988 से अब तक लगातार ‘रामनवमी’ के अवसर पर ‘श्री राम कथा मंदाकिनी शोभायात्रा’ भव्य रूप से तुलसी घाट से प्रारम्भ होकर रविदास घाट, राजधाट पर समाप्त होती है। तुलसीघाट पर संकट मोचन मंदिर के महंत डा. विश्वभंर नाथ मिश्र जी सजीव झाकियों की आरती करके यात्रा को रवाना करते हैं।
‘श्री रामकथा मंदाकिनी शोभायात्रा’ भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने के साथ साथ स्वच्छ गंगा अभियान, केवट बन्धुओं का सम्मान तथा काशी के समस्त घाटों को स्वच्छ रखने का संदेश देेता है। इस वर्ष भी ‘श्री रामकथा मंदाकिनी शोभायात्रा’ संवत् 2078 ‘रामनवमी’ तदनुसार 20 अप्रैल 2021 दिन बुधवार को कोविड आपदाकाल के कारण सांकेतिक रूप से राम कथा मन्दाकिनी शोभायात्रा समिति और अंतर्राष्ट्रीय काशी घाटवाक विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित किये जाने का निर्णय किया गया है। इस आशय की सूचना संस्थाओं के प्रमुख पदाधिकारियों श्री नवीन श्रीवास्तव, प्रोफ़ेसर विजय नाथ मिश्र, श्री ज्ञानेश्वर जायसवाल, श्री हरीश वालिया, श्री शिशिर मालवीय एवं श्री अष्टभुजा मिश्रा ने विज्ञप्ति द्वारा दी। उन्होंने बताया कि श्रद्धालु श्रीराम स्वरुप दर्शन डिजिटल माध्यमों से कर सकते हैं। स्वरुप की आरती तुलसीघाट पर संकट मोचन मंदिर के महंत डा. विश्वभंर नाथ मिश्र जी करेंगे, तदोपरांत भजन और सोहर अष्टभुजा मिश्र प्रस्तुत करेंगे। प्रोफ़ेसर विजय नाथ मिश्र इस आपदा काल में लोगों को सुरक्षित और जागरूक रहने का सन्देश देंगे। उन्होंने बताया कि कोरोना की सभी गाइडलाइन का पालन करते हुए इसे संक्षिप्त और सांकेतिक रूप से मनाया जायेगा; जिसमें आम नागरिकों की उपस्थिति प्रतिबंधित होगी।