बापू के बनारस आगमन के जगहों को धरोहर रूप में संरक्षित करने की उठी माँग
साझा संस्कृति मंच द्वारा बापू की स्मृति में शहर के विभिन्न जगहों पर किए गए आयोजन
बापू के बनारस आगमन के जगहों को धरोहर रूप में संरक्षित करने की उठी माँग
वाराणसी। साझा संस्कृति मंच के द्वारा गांधी जी और अन्य शहीदों की याद में 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। टाउनहाल बापू प्रतिमा के समक्ष सर्व धर्म प्रार्थना सभा मे प्रेरणा कला मंच के साथियों ने भजन प्रस्तुत किया। सन्दीप मुकेश अजय सुजीत ने भजन प्रस्तुत किये इस दौरान विजय श्रीवास्तव ने रँग दे बसंती गाया। सभी धर्मों के मानने वालों ने सामुहिक रूप से भगवद्गीता, कुरानशरीफ , गुरुग्रन्थ साहिब, और पवित्र बाइबिल से शांति और सद्भाव के अंशो का पाठ किया। ज्ञातव्य है की आज ही के दिन 1948 में महात्मा गाँधी की नृशंस हत्या कर दी गयी थी। देश आज़ादी मिलने के बाद बापू के नेतृत्व में बनने संवरने के सपने देख रहा था। नेहरू, पटेल, अम्बेडकर, मौलाना, आज़ाद, सरोजिनी नायडू आदि संविधान बना रहे थे। राज्यों का विलय करवा रहे थे। संस्थानो का निर्माण हो रहा था। ठीक इसी समय दुर्भाग्य ने दस्तक दी और एक कट्टर साम्प्रदायिक नाथूराम गोडसे ने बापू की हत्या करके देश को अनाथ कर दिया। इस दुखद दिन की स्मृति में साझा संस्कृति मंच प्रतिवर्ष आयोजन करता है। आज की प्रार्थना सभा मे रामधीरज जी, सर्व सेवा संघ, आत्म प्रकाश और विजय नारायण ने गांधी जी के विचारों पर बात रखी और कहा कि ये देश प्रेम, भाई चारे , करुणा और अहिंसा के रास्ते पर ही चलेगा, नफरत की राजनीति बिलकुल भी नही होनी चाहिये।
इस अवसर पर वल्लभाचार्य पांडेय , दिन दयाल, प्रदीप एव डॉ इंदु पांडेय ने आशा संस्था की तरफ से गांधी जी के वचन और कार्यो पर पोस्टर प्रदर्शनी भी लगाई। जो कि टाउनहॉल परिसर में आकर्षण का केंद्र बनी रही। सर्वधर्म प्रार्थना सभा में प्रमुख रूप से अनिल श्रीवास्तव अन्नू, अजित सिंह, विनोद, धनन्जय त्रिपाठी, डॉ अनूप श्रमिक, जागृति राही , मनस, मुकेश , सिस्टर और मिशनरी प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभा में बापू के बनारस आगमन के जगहों को चिह्नित करते हुए उनको धरोहर रूप में संरक्षित करने की माँग की गयी। बीएचयू काशी विद्यापीठ नागरी प्रचारिणी सभा काशी विश्वनाथ मंदिर आदि जगहों पर बापू के आगमन की तिथि के साथ ब्यौरा देते हुए स्मृति चबूतरा बनाने की जरूरत है। आज जब पूरा विश्व महान बापू को याद कर रहा है तो उनके देश में ही रहकर हम उन्हें विस्मृत किये रहें , इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या होगा ? जागृति राही ने कार्यक्रम के अंत मे सभी लोगो को संविधान के मूल्यों के पालन की शपथ दिलाई। सायं काल 5 बज के 17 मिनट पर जब बापू की हत्या हुई थी सबने मूर्ति के समक्ष मौन व्रत रखते हुए राजघाट सर्व सेवा संघ परिसर में सर्व धर्म संसद का आयोजन किया। प्रमुख रूप से प्रो. डीएम दिवाकर ने संगोष्ठी में विचार रखे। डॉ मुनीजा, डॉ आरिफ, सौरभ सिंह, रविदास मंदिर के महंत, और पार्षद ओकार अंसारी, कमलेश यादव, रविन्द्र दुबे आदि लोगो की बड़ी संख्या में भागीदारी हुई।