काशी कल से नए युग के लिए प्रस्थान करने जा रही है-मुख्यमंत्री
काशी विश्व की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विख्यात हैं-मुख्यमंत्री
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में काशी अपनी पुरातन आत्मा को बनाए रखते हुए वैश्विक मंच पर स्थापित हुआ है- योगी आदित्यनाथ
प्रधानमंत्री द्वारा यह सौगात काशी के साथ-साथ उत्तर प्रदेश को लोगों को दी गई है- मुख्यमंत्री
दुनिया के सबसे बड़े यात्री क्रूज “गंगा विलास” से यात्रा पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही जहां रोमांचकारी है, वही एडवांचर भी है- मुख्यमंत्री
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काशी विश्व की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विख्यात हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में काशी अपनी पुरातन आत्मा को बनाए रखते हुए वैश्विक मंच पर स्थापित हुआ है। काशी थल और नभ के साथ-साथ अब जल मार्ग से भी जुड़ने जा रहा है। उन्होंने कहा कि काशी कल से नए युग के लिए प्रस्थान करने जा रही है। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि यह प्रसन्नता की बात हैं, कि विश्व की सबसे बड़ी यात्री क्रूज “गंगा विलास” को कल शुक्रवार को प्रधानमंत्री हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर परिसर के चौक में शुक्रवार को वाराणसी जनपद से दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज एमवी गंगा विलास’ को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 13 जनवरी शुक्रवार को हरी दिखाकर रवाना करने व गंगा पार रेती में बनाये गये टेंट सिटी के उद्घाटन अवसर की पूर्व संध्या पर आयोजित शंकर महादेवन के सांस्कृतिक कार्यक्रम (कर्टन रेजर) में मुख्य अतिथि के रूप में लोगो को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि काशी से हल्दिया तक विगत 3 वर्ष पूर्व हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जल परिवहन की शुरुआत की जा चुकी है। अब यात्री सेवा के साथ ही कार्गो सेवा भी काशी से प्रारंभ होगा। प्रधानमंत्री द्वारा यह सौगात काशी के साथ-साथ उत्तर प्रदेश को लोगों को दी गई है। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े यात्री क्रूज “गंगा विलास” से यात्रा पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही साथ जहां रोमांचकारी है, वही एडवांचर भी है। उन्होंने बताया कि क्रूज “गंगा विलास” भारत में वाराणसी से रवाना होकर 5 राज्यों में 27 नदी प्रणालियों में 3,200 कि.मी. से अधिक की दूरी तय करके अंतः डिब्रूगढ़ तक सफर करेगा।
केंद्रीय कैबिनेट मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भी लोगों को संबोधित करते हुए काशी से शुरू हो रहे यात्री जल परिवहन पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री सर्बानंद सोनोवाल एवं केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के साथ ही उत्तर प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर, स्टांप एवं पंजीयन शुल्क राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल, आयुष एवं खाद्य सुरक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, पूर्व मंत्री एवं विधायक डॉक्टर नीलकंठ तिवारी, विधायक डॉ अवधेश सिंह सहित गणमान्य लोग उपस्थित रहे।इस दौरान शंकर महादेवन ने शिव तांडव, गंगा अवतरण, शिव भोला भंडारी आदि अनेकों भजन प्रस्तुत किए। जिससे बाबा के भक्त मंत्रमुग्ध होते रहे।
मुख्यमंत्री ने पड़ाव स्थित अघोरेश्वर भगवान राम महाविभूति स्थल में अघोरेश्वर भगवान राम योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान केंद्र का किया उद्घाटन,
मातृशक्ति की कोई जाति नहीं होती-मुख्यमंत्री
पूरा विश्व भारत की प्राचीन योग चिकित्सा पद्धति को अपनाने को आतुर है-योगी आदित्यनाथ
आयुर्वेद व योग भविष्य में भारत को एक नये हेल्थ एंड टूरिज्म के रूप मे स्थापित करने की क्षमता रखता है-सीएम योगी
मुख्यमंत्री ने योग, आयुर्वेद तथा पंचकर्म को भारत की प्राचीन संस्कृति परम्परा बताया
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को वाराणसी पहुंचे और पड़ाव स्थित अघोरेश्वर भगवान राम महाविभूति स्थल पहुंचे जहां उन्होंने अघोरेश्वर भगवान राम योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज युवा दिवस पर स्वामी विवेकानंद जी को याद करते हुए अघोर परंपरा पर कहा कि साधना की ऐसी प्रकृति है, जिसमें आध्यात्मिक दृष्टि से परमात्मा को जोड़ने तथा सामाजिक दृष्टि से सामाजिक ढांचे को जोड़ने में मदद मिलती है।उन्होंने इसके लिये बाबा कीनाराम तथा बाबा अघोरेश्वर राम को याद करते हुये कहा कि समता मूलक समाज के लिये उन्होंने कार्य किया, ताकि कोई निराश्रित न महसूस करे। उन्होंने कहा कि मातृशक्ति की कोई जाति नहीं होती। शिव व शक्ति के मिलन को ही वास्तविक शक्ति मानते हैं। उन्होंने योग,
आयुर्वेद तथा प्राकृतिक चिकित्सा के केंद्र में इस संस्था को स्थापित करने को बाबा सम्भव राम और समुह का आभार जताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासों का ही नतीजा है कि पूरा विश्व भारत की प्राचीन योग चिकित्सा पद्धति को अपनाने को आतुर है तथा 21 जून को पूरा विश्व 2014 से योग दिवस के रूप में मना रहा। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद व योग भविष्य में भारत को एक नये हेल्थ एंड टूरिज्म के रूप मे स्थापित करने की क्षमता रखता है। उन्होंने योग, आयुर्वेद तथा पंचकर्म सभी की चर्चा करते हुए इनको भारत की प्राचीन संस्कृति परम्परा बताया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने श्री सर्वेश्वरी समूह के बाबा सम्भव राम जी को धन्यवाद दिया कि उनको इस पुण्य कार्य में समर्पित आश्रम में आने का सौभाग्य मिला।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्वागत शंखनाद से किया गया। कार्यक्रम के शुरूआत में श्री सर्वेश्वरी समूह विद्यालय की बच्चियों सुखदा पांडेय तथा शिवानी पांडेय द्वारा मुख्यमंत्री को पुष्प गुच्छ तथा रामायण प्रति भेंटकर किया गया।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर, स्टांप एवं पंजीयन शुल्क राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल, आयुष एवं खाद्य सुरक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या तथा विधायक सुशील सिंह, डॉ अवधेश नारायण सिंह तथा विधान परिषद सदस्य बृजेश सिंह ‘प्रिंसु’ सहित गणमान्य लोग उपस्थित रहे।