काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का 107 वां स्थापना दिवस पर कुलपति प्रो. सुधीर जैन ने स्थापना स्थल पर किया हवन पूजन
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का 107 वां स्थापना दिवस पर कुलपति प्रो. सुधीर जैन ने स्थापना स्थल पर किया हवन पूजन
विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों को प्रेषित की शुभकामनाएं
विश्वविद्यालय की उन्नति में ईमानदारी से जुटने का किया आह्वान
वाराणसी। भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी द्वारा वर्ष 1916 में वसंत पंचमी के दिन साकार रूप लेने वाली सर्वविद्या की राजधानी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने आज अपना 107वां स्थापना दिवस उत्साह एवं उल्लासपूर्वक मनाया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के स्थापना स्थल पर मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने पुष्पांजलि अर्पित की एवं हवन पूजन किया। इस दौरान कुलगुरू प्रो. वी. के. शुक्ला, कुलसचिव डॉ. नीरज त्रिपाठी, विभिन्न संस्थानों के निदेशक, संकाय प्रमुख, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी एवं विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यगण भी उपस्थित रहे एवं स्थापना स्थल पर पुष्प अर्पित किये। स्थापना दिवस पर विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों को अपने शुभकामना संदेश में कुलपति जी ने कहा कि वसंत पंचमी वैसे तो देश भर के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है, लेकिन काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों के लिए इस दिवस का महत्व विशेष रूप से है। प्रो. जैन ने कहा कि विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर हमें ये अवश्य स्मरण करना चाहिए कि आज से सौ वर्ष से अधिक समय पूर्व महामना ने बिना किसी तकनीक व संसाधनों के ऐसे विशाल संस्थान को खड़ा किया, जिसने एक सशक्त राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ये उनकी अपने समय से कह़ीं आगे की सोच तथा दूरदर्शिता थी, जिसकी बदौलत उन्होंने इतने असंभव से दिखने वाले लक्ष्य को मूर्त रूप प्रदान किया। कुलपति जी ने कहा कि विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस हम सब के लिए अवसर है, ये मंथन करने का कि क्या हम महामना के जीवन, योगदान एवं बलिदान से जरा भी प्रेरणा ले पा रहे हैं? या फिर हम अपने ही हितों में उलझे पड़े है। उन्होंने विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों का आह्वान किया कि वे महामना के मूल्यों व जीवन से प्रेरणा लेते हुए, इस बारे में चिंतन करें और ये फैसला करें कि वे किस तरह से संस्थान की उन्नति में योगदान कर सकते हैं।