सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के योगसाधना केन्द्र में श्री सद्गुरु राम सिंह जी महाराज का मनाया गया प्रकाश पर्व
धर्म एवं राजनीति का अन्त: सम्बंध: सिक्ख परम्परा के विशेष संदर्भ में विषयक विशिष्ट व्याख्यान का किया गया आयोजन
वाराणसी, शुक्रवार 19 फरवरी। भारत को यदि जानना है तो सिक्ख परम्परा एवं इसके गौरवपूर्ण इतिहास को समझना होगा।उनके बलिदान को सदैव अपनी स्मृतियों मे बनाये रखना ही हमारी संस्कृति है। आज का विषय समसामयिक है उस महाराज राम सिंह ने भारतीय संस्कृति की रक्षा एवं अध्यात्मिक चेतना जागृत करने के लिये जो कार्य किये उसी से आज हम हैं। उनके पूरे काल को देखने से ऐसा प्रतीत होता है की राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी उन्हीं से प्रेरणा प्राप्त हुई।
राम सिंह जी का सर्वप्रथम यह आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना थी, उन्होने भारतीय ज्ञान परम्परा को क्रिया के बिना अधूरा बताया अत:ज्ञान को क्रिया के रूप में परिणत करना ही क्रान्तिकारी नेता का पहचान है। उक्त विचार सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में अपरांह 1:30 बजे से योगसाधना केन्द्र में श्री सद्गुरु राम सिंह जी महाराज पीठ के तत्वावधान में उनके प्रकाश पर्व पर “धर्म एवं राजनीति का अन्त: सम्बंध:सिक्ख परम्परा के विशेष संदर्भ में” विषय पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी में सामाजिक विज्ञान विभाग के संकायध्यक्ष प्रो कौशल किशोर मिश्र ने बतौर मुख्य वक्ता व्यक्त किया।
उन्होने कहा कि आज नामधारी परम्परा पर शोध करने की आवश्यकता है। बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय सिक्ख संगत, नई दिल्ली के हरभजन सिंह दिओल (कविजी) ने कहा कि राम सिंह के द्वारा समाजिक उत्थान में चलाये गये सभी कार्यक्रमों का दूरगामी परिणाम पंजाब प्रांत मे दिखाई देता है। उन्होने कविता के माध्यम से अपने विचारों रखा।
अध्यक्षता कुलपति प्रो राजाराम शुक्ल ने करते हुये कहा कि महापुरुषो एवं ऋषियों का आगमन किसी विशेष महत्वपूर्ण ऊद्देश्य की सम्पूर्ती के लिये ही होता है। हमे सदैव उनके अतीत को स्मरण करते हुये उनके आदर्श भाव को स्वीकार करना चाहिये। ऋषि एवं सन्त सदैव जन एवं राष्ट्र कल्याण की भावना से चलते हैं वे सदैव दूसरों के दुखो से दुखी हो उन्हे दुख से मुक्त मार्ग देते हैं।उन्ही मे से सन्त स्वरुप राम सिंह महाराज थे उनके प्राकट्य दिवस पर सदैव प्रेरित हो उनके परम्परा को आगे बढ़ाएँ। प्रकाशोत्सव के प्रारम्भ में वैदिक, पौराणिक मंगलाचरण, मंचस्थ अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्जवलन, माँ सरस्वती एवं पूज्य सदगुरू राम सिंह महाराज के तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया। पीठ की संयोजीका एवं संचालिका डॉ रेणु द्विवेदी नें अतिथियों का माला आदि से स्वागत और अभिनंदन किया। स्वागत भाषण प्रो हरिप्रसाद अधिकारी ने किया। इस दौरान प्रो सुधाकर मिश्र, प्रो महेंद्र पान्डेय, प्रो शैलेश मिश्र, प्रो राघवेंद्र दुबे, डॉ विजय पान्डेय व काफी संख्या में छात्र-छात्राएँ एवं अन्य उपस्थित थे।