गंगा मे जून माह मे दिखे हरे शैवालों का कारण विंध्याचल एस.टी.पी नहीं
गंगा मे जून माह मे दिखे हरे शैवालों का कारण विंध्याचल एस.टी.पी नहीं
जिलाधिकारी वाराणसी द्वारा बनाई गयी पांच सदस्यीय जांच समिति ने हरे शैवालों के लिए माना था विंध्याचल एस.टी.पी को जिम्मेदार
उत्तर प्रदेश जल निगम के संयुक्त प्रबंध निदेशक द्वारा लिखे गये पत्र के आधार पर क्रांति फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने लगाये आरोप
गंगा के प्राकृतिक बहाव के साथ छेड़छाड़ का नतीजा थे हरे शैवाल, पत्र मे गंगा मे पानी की कमी, जगह जगह पानी मे ठहराव आदि को बताया गया मुख्य कारण
गंगा की प्राकृतिक बनावट व बहाव के साथ छेड़छाड़ पड़ सकती है भारी- ई.राहुल कुमार सिंह
वाराणसी, सोमवार 2 अगस्त।गंगा मे जून माह मे हरे शैवालों के दिखने के मामले मे क्रांति फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ई. राहुल कुमार सिंह ने उत्तर प्रदेश जल निगम के संयुक्त प्रबंध निदेशक के 25 जून 2021 को अपर परियोजना निदेशक,राज्य स्वच्छ गंगा मिशन,उत्तर प्रदेश को लिखे एक पत्र को आधार बनाकर गंभीर आरोप लगाये हैं।श्री सिंह ने पत्र सार्वजनिक करते हुए बताया कि पत्र संयुक्त प्रबंध निदेशक,उत्तर प्रदेश जल निगम सुशील कुमार पटेल जी द्वारा अपर परियोजना निदेशक,राज्य स्वच्छ गंगा मिशन,उत्तर प्रदेश को लिखा गया है।इस पत्र के निष्कर्ष मे यह बताया गया है कि जून माह मे गंगा मे दिखे हरे शैवालों का कारण गंगा के बहाव मे पानी की कमी,जगह जगह पर पानी का ठहराव,तापमान मे वृद्धि,सरफेश रन आफ आदि है।गंगा के पानी मे दिखे हरे शैवालों के पीछे विंध्याचल एस.टी.पी का कोई योगदान नहीं है।गौरतलब है कि जून माह मे वाराणसी के घाटों पर गंगा के पानी मे दिखे हरे शैवालों के कारण प्रशासन के माथे पर बल पड़ गये थे।उस समय भी प्रशासन पर गंगा के प्राकृतिक बहाव के साथ छेड़छाड़ के आरोप लगे थे।वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा जी द्वारा इस विषय को लेकर पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया।जांच समिति द्वारा दी गयी रिपोर्ट मे वाराणसी के घाटों पर गंगा मे दिखे इन हरे शैवालों के पीछे विंध्याचल एस.टी.पी को जिम्मेदार बताया गया।इसके पश्चात केमिकल डालकर गंगा मे मौजूद इन हरे शैवालों को समाप्त किया गया था।
इस विषय मे विंध्याचल एस.टी.पी के अधिकारियों पर कार्यवाई करने की बात भी की गयी थी। क्रांति फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व एम एल सी प्रत्याशी ई. राहुल कुमार सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश जल निगम के संयुक्त प्रबंध निदेशक द्वारा लिखे गये पत्र से अब यह स्पष्ट हो गया है कि इन हरे शैवालों के पीछे विंध्याचल एस.टी.पी. का योगदान नहीं है।बल्कि गंगा के प्राकृतिक बहाव के साथ जो अंधाधुंध छेड़छाड़ की जा रही है वो इन हरे शैवालों के लिए जिम्मेदार है।गंगा मे बिना सोचे समझे मलबा गिराने,प्लेटफार्म बनाने या अन्य कार्यों से गंगा के प्राकृतिक बहाव मे गतिरोध उत्पन्न हो रहा है जिससे गंगा के पानी मे कई स्थानों पर ठहराव हो रहा है।इसी ठहराव के कारण हरे शैवाल पानी मे तेजी से विकसित हो जा रहे थे।श्री सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिलाधिकारी द्वारा नियुक्त जांच समिति ने जानबूझकर शैवालों के लिए विंध्याचल एस टी पी को जिम्मेदार ठहरा दिया जबकि प्रशासन की गलतियों के कारण गंगा के पानी ठहराव आने और उसके कारण शैवालों के विकसित होने की बात जांच रिपोर्ट मे बतायी ही नहीं गयी। श्री सिंह ने कहा कि यह स्पष्ट करता है कि किस प्रकार प्रशासन अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है बल्कि जानबूझकर दूसरे तर्क देकर जनता को बरगलाने का प्रयास कर रहा है।श्री सिंह ने कहा कि गंगा मे हरे शैवालों का दिखना पूरी तरह से गंगा मे बिना सोचे समझे किये गये अनियंत्रित कार्यों का परिणाम था।श्री सिंह ने कहा कि इस समय बरसात के कारण गंगा मे बहाव ज्यादा है इसलिए बरसात मे तो ये हरे शैवाल नहीं दिखेंगे परंतु जैसे ही गंगा मे बहाव कम होगा इनके फिर दिखने की संभावना रहेगी।इस विषय मे प्रशासन को अपनी गलती सुधार कर गंगा के प्राकृतिक बहाव मे आयी बाधाओं को दूर करना चाहिए नहीं तो गंगा के प्राकृतिक बहाव से छेड़छाड़ कहीं हमे बहुत भारी न पड़ जाये।