इलाहबाद हाईकोर्ट में लंबित अपराधिक अपीलों की संख्या 2.7 लाख, स्वीकृत जजों की संख्या सिर्फ 160,
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा नामो को दें जल्द मंजूरी,
हाईकोर्ट मे स्वीकृत जजों की संख्या सिर्फ 160 है लेकिन वर्तमान मे सिर्फ 79 जजों के जरिये काम हो रहा है,जस्टिस अभय एस ओका व जस्टिस उज्जवल भुइआ की पीठ ने कहा यह एक ऐसा पहलू है जहां केंद्र सरकार को कार्रवाई करने और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि कॉलेजियम की सिफारिश को शीघ्रता से मंजूरी दी जाए हमें उम्मीद है कि लंबित प्रस्तावों को केंद्र सरकार जल्द से जल्द मंजूरी देगी,
पीठ ने कहा इसी तरह मुंबई हाईकोर्ट में स्वीकृत पदों की संख्या 94 है लेकिन यह सिर्फ 66 जजों के साथ काम कर रहा है कोलकाता हाई कोर्ट में कुल 72 जजों की संख्या है और वह 44 जजों के जरिये काम कर रहा है, वहीं दिल्ली हाई कोर्ट में वर्तमान में 60 जजों के निर्धारित पदों के मुकाबले 41 जज हैं, इसमें अपराधी अपीलों का एक बड़ा हिस्सा लंबित है, इसलिए यह एक ऐसा मुद्दा है जिसको केंद्र सरकार को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए,