दो गज की दूरी बहुत है जरूरी बातें हैं बातों का क्या,
दो गज की दूरी बहुत है जरूरी बातें हैं बातों का क्या,
वैक्सिनेशन सेंटरों पर उमड़ती भीड़, बेपरवाह सरकारी कर्मचारियों का कोविड नियम का पालन न करवाना कहीं फिर से न संक्रमण को बढ़ावा दे दे,
सरकार द्वारा तेजी से वैक्सिनेशन अभियान चलाने के बावजूद भी अब तक लगभग 25 करोड़ लोगों को ही टीका लग पाया,
कोरोना की दूसरी लहर ने देश मे कई परिवार को बर्बाद कर दिया कई घरों के मुखिया जिनके वजह से परिवार चलता था तो कही माँ बाप दादी दादा पूरा परिवार ही काल के गाल मे चला गया घर मे बचे बच्चों को या तो अनाथालय या कोई चाइल्ड लाइन चलाने वाली संस्था के द्वारा उनका भरण पोषण हो रहा है,
अभी तीसरी लहर आने की भी विशेषज्ञों के द्वारा उम्मीद जताई जा रही है लेकिन जिस कोविड-19 पालन के लिए सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी किया जाता है कुछ बेपरवाह लोग नियम को पालन करने से जहां कतराते हैं वही सरकारी कर्मचारियों द्वारा भी कहीं कहीं सही तरीके से नियमों का पालन करते नही दिखाई पड़ते हैं,
जिसके वजह से तीसरे लहर के आने की जो उम्मीदें हैं वह बढ़ती नजर आ रही है देश में सरकार द्वारा वैक्सीनेशन को जहां मुफ्त कर दिया गया है राज्य सरकारों को भी इसका बोझ अब नहीं सहन करने पड़ेंगे लेकिन क्या सरकार के इतने बड़े कदम के बाद सरकारी अमला उसको अमल कर रहा है ? वैक्सीन लगवाने वाले को स्लॉट के अनुसार बुकिंग करा नम्बर लगाकर एक निश्चित दिन पर वैक्सीन लगवाने सेंटरों पर पहुँचना पड़ रहा हैं लेकिन जिस तरीके से वहाँ भीड़ को लाइन लगवा कर एक दूसरे के संपर्क मे आने पर मजबूर किया जा रहा है
जिसके वजह से संक्रमण को हमलोग एक दूसरे को ले दे सकतें है,
यदि वैक्सीनेशन सेंटरो पर लाउडस्पीकर के जरिए आवाज दे कर सिर्फ पांच से दस लोगो को ही दूरी बना कर वैक्सिनेशन सेंटर पर खड़ा करा टीका लगवाते तो हो सकता था की लोग एक दूसरे के संपर्क में कम आते,
लाउडस्पीकर द्वारा लोगो का नम्बर बताया जाता तो लोगों को अपने नम्बर आने के समय का अनुमान लग जाता लोग उतने समय के लिए वहा से हट बढ़ कर रहते जिससे एक दूसरे के संपर्क मे लोग कम आ पाते,
पहले भी विशेषज्ञों ने यह उम्मीद जताई थी की कुछ लोगों को वैक्सीनेशन के समय ही संपर्क में आने की वजह से कोरोना हुआ और लोगों को वैक्सीन लगवाने के तुरंत बाद कोरोना संक्रमण के चपेट में आये थे, कोरोनावायरस कई देशों में फिर से लौट के आया और इसी तरह कई देशों में कोरोना संक्रमण जब-जब कम हुआ लोगों की लापरवाही के वजह से तेजी से फैला जिसका एक उदाहरण अपना हिंदुस्तान भी है जहां पिछले फरवरी माह में दस हजार से कम कोरोना संक्रमण के आंकड़े हो गए थे
उसके बाद तेजी से संक्रमण बढ़ा और चार लाख के पार ये आंकड़ा पंहुचा था और लाखों लोगों की मौत हुई,