श्रीलक्षचण्डी महायज्ञ में पूतना वध, तृणासुर वध व प्रभु के नामकरण प्रसंग का हुआ वर्णन
श्रीलक्षचण्डी महायज्ञ में पूतना वध, तृणासुर वध व प्रभु के नामकरण प्रसंग का हुआ वर्णन
वाराणसी। संकुलधारा पोखरा स्थित द्वारिकाधीश मंदिर में प्रखर जी महाराज के सानिध्य में कोरोना महामारी के शमन हेतु चल रहे 51 दिवसीय विराट श्री लक्षचण्डी महायज्ञ की श्रृंखला में आयोजित दिन 8 दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के सातवें दिन कथा व्यास रमेश भाई ओझा ने पूतना वध, तृणासुर वध और प्रभु के नामकरण प्रसंग का वर्णन किया। कथा व्यास भाई श्री ने श्रीमद्भागवत के दशम स्कन्ध का वर्णन करते हुए बताया कि नंद बाबा अपने मित्र वासुदेव जी से मिलने के लिए मथुरा गए होते हैं। इधर पूतना सुन्दर स्त्री का रूप धारण कर गोकुल में प्रवेश करती है। उसका रूप इतना मनमोहक रहता है कि गोकुल के द्वारपाल भी मोहित हो जाते हैं और उसके पूछने पर उसे नन्द बाबा के घर छोड़ आते हैं। पूतना बालकों के खून की प्यासी रहती थी, और इसी अभिलाषा से वो श्रीकृष्ण को अपने स्तन में विष लगाकर मारने आयी थी। वह नंद बाबा के घर पहुंचती है और मां यशोदा को बधाई देते हुए श्रीकृष्ण को अपनी गोद मे ले लेती है। किंतु कृष्ण उसे पहचान जाते हैं। भला भगवान से भी कुछ छुपता है क्या! मां यशोदा पूतना को अतिथि समझ कर उसके आदर सत्कार के लिए जलपान लेने चली जाती है।
इसी दौरान उसने श्रीकृष्ण को स्तनपान करवाया और श्रीकृष्ण की बजाय उसकी मृत्यु हो जाती है। इसके बाद श्रीकृष्ण के वध के लिए तूफान के रूप में तृणासुर पहुंचता है लेकिन प्रभु उसका भी उद्धार कर इन्द्रिय समूह के रजोगुण और तमोगुण के प्रभाव से गोकुल को मुक्त करते हैं। इसके बाद यदुवंश के पुरोहित दीर्घचार्य पहुंचते हैं नन्दबाबा के घर। नन्द बाबा के आग्रह पर वह प्रभु श्रीकृष्ण और रोहिणी पुत्र बलदाऊ जी का नामकरण करते हैं। कथा के अंत में वृंदावन के राधा सर्वेश्वर समूह द्वारा रुकमणी विवाह प्रसंग की प्रस्तुति की गई। इसके साथ ही हरे रामा- हरे कृष्णा संकीर्तन से पूरा वातावरण कृष्ण भक्ति में लीन हो गया। कथा का विश्राम प्रभु की आरती के साथ किया गया। कार्यक्रम में प्रखर जी महाराज, महायज्ञ समिति के अध्यक्ष श्री कृष्ण कुमार खेमका, सचिव संजय अग्रवाल, कोषाध्यक्ष सुनील नेमानी, संयुक्त सचिव राजेश अग्रवाल, डॉ सुनील मिश्रा, अमित पसारी, शशिभूषण त्रिपाठी, अनिल भावसिंहका, मनमोहन लोहिया, अनिल अरोड़ा, विकास भावसिंहका, नीति तिवारी, आशा पांडेय, रोजलीन, शशिभूषण तिवारी, तनीषा अरोड़ा समेत हजारों लोग उपस्थित रहे।