छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर पुलिस से हुई बहस
छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर पुलिस से हुई बहस
छात्रों को जब पुलिस ने रोका तो सिंह द्वार के नीचे धरने पर बैठे
छात्र-छात्राओं ने कहा-याचना नहीं, अब रण होगा, अनिश्चितकालीन आमरण-अनशन होगा
वाराणसी। छात्रावासों में ओबीसी का 27% आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर मार्च निकाल रहे छात्र-छात्राओं से लंका गेट पुलिस से बहस हो गयी। पुलिस से बहस होने के बाद आक्रोशित छात्र-छात्राएं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सिंह द्वार लंका गेट पर ही धरना पर बैठ गये और बीएचयू प्रशासन के साथ-साथ जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। छात्र-छात्राओं ने कहा कि छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर आज हम अंतिम अनुस्मारक-पत्र पत्र दे रहे हैं और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति को चेतावनी देकर जा रहे हैं यदि जल्द ही कुलपति प्रो सुधीर कुमार जैन हमारी मांग नहीं पूरा करते हैं तो अब याचना नहीं रण होगा, अनिश्चितकालीन आमरण-अनशन होगा। यह अनिश्चितकालीन आमरण-अनशन छात्र-छात्राओं द्वारा कुलपति आवास के सामने किया जायेगा। एशिया के सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालय काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के दोनों परिसर में बने छात्रावासों में ओबीसी के विद्यार्थियों को उनका संवैधानिक हक यानी 27% नहीं मिलता है, जबकि मार्च निकाल रहे छात्र-छात्राओं का कहना है कि केवल ओबीसी फण्ड से बीएचयू में 39 छात्रावासों का निर्माण हुआ है, जो नियमत: पिछड़ा वर्ग के छात्रों को देने के लिए बनाए गए हैं। छात्र-छात्राओं का कहना है कि हमें विश्वविद्यालय के सभी छात्रावासों में ओबीसी का 27% आरक्षण लागू किया जाए या ओबीसी फण्ड से बने छात्रावासों को पूर्णतः पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को आवंटित किया जाए। छात्र-छात्राओं ने कहा कि हम पिछले आठ-नौ साल से मांग कर रहे हैं विश्वविद्यालय के छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण लागू किया जाए, लेकिन बीएचयू कुलपति को गल-थेथरई करने के अलावा कुछ नहीं समझ आ रहा है। छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय के छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर बीएचयू विश्वनाथ मंदिर से पैदल मार्च निकाल लंका गेट ज्योंहि पहुंचने वाले थे कि पुलिस ने उन्हें सिंह द्वार पर ही रोक दी। पुलिस के रोकने पर छात्र और उग्र हो गये, जिसके कारण पुलिस उन्हें गेट से बाहर निकलने पर रोकने के लिए छात्रों से बहस कर ली। पुलिस द्वारा छात्रों से बहस होने पर आक्रोशित छात्र-छात्राएं लंका गेट पर बैठ कर अपनी बात विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष रखने लगे। वहीं पर छात्र-छात्राओं ने कहा कि यह अनुस्मारक-पत्र हम छात्र-छात्राओं की ओर से अंतिम पत्र है। इस अनुस्मारक-पत्र के साथ हम चेतावनी देकर जा रहे हैं कि बीएचयू प्रशासन अपने रवैए में सुधार करके छात्र-छात्राओं की वाजिब मांग को मानने का काम करें। नहीं तो कुलपति आवास के सामने अनिश्चितकालीन आमरण-अनशन को झेलने के लिए कुलपति महोदय तैयार रहें। छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर पैदल मार्च निकालने वालों में बेबी पटेल, सीपी,अनुराग, धर्मेन्द्र, बलिराम, सरोज राय, अविलाष, रवीन्द्र गुप्ता, जेपी, प्रभाकर, दिनेश यादव, संदीप पाल, उदय पाल, राहुल कुमार, आकांक्षा, इप्सिता, अनुपम, विनय, जितेन्द्र, अवधेश, राकेश, अमरदीप कुशवाहा, अमर बहादुर निषाद, राहुल राम, उत्कर्ष सूर्यवंशी, राहुल पटेल, आयुष शर्मा, संतोष मौर्य, विवेक यादव, निर्भर यादव, नितिश यादव, नितिश कुमार, सुमित विद्रोही, सोनू, अजित, अनिश, हर्षित, ज्ञानेश्वर, चंदन सागर, राहुल यादव, अरविंद पटेल, सुधीर,संदीप, शिवाकांत, राणा रोहित, राजेश कुमार, उमेश यादव, उमेश मानव, युगेश भारद्वाज, मारुति मानव सहित दो-ढाई सौ छात्र-छात्राएं शामिल थे।