रविदास जयंती पर एनआरआई भक्तों की संख्या होगी कमी
रविदास जयंती पर एनआरआई भक्तों की संख्या होगी कमी
वाराणसी, सोमवार 22 फरवरी। माघ महीने में पूर्णिमा (माघ पूर्णिमा) के दिन पर मनाया जाने वाला गुरु रविदास का जन्मदिवस है। यह रैदास पंथ धर्म का वार्षिक केंद्र बिंदु है। जिस दिन अमृतवाणी गुरु रविदास जी को पढ़ी जाती है, और गुरु के चित्र के साथ नगर में एक संगीत कीर्तन जुलूस निकाला जाता है। हर साल, श्री गुरु रविदास जन्म स्थान मंदिर, सीर गोवर्धनपुर में एक भव्य उत्सव के अवसर पर दुनिया भर से लाखों श्रद्धालुओं आते है। यह त्यौहार 2020 में 9 फरवरी को थी, और 2021 में 27 फरवरी को मनाई जायेगी।
माघी पूर्णिमा पर सीरगोवर्धनपुर में इस वर्ष भी संत रविदास की जयंती का उत्सव मनाया जाएगा, लेकिन इस बार 27 फरवरी को होने वाले मुख्य आयोजन में प्रवासी भारतीय भक्तों का हुजूम नहीं दिखेगा। कनाडा, अमेरिका, आस्ट्रिया, इंग्लैंड, स्पेन, फीजी आदि देशों से कोविड-19 के कारण रविदासिया अनुयायियों का आना सिर्फ नाममात्र का होगा। काशी में होने वाले रविदासिया धर्म के सबसे
बड़े उत्सव के लिए इस वर्ष सिर्फ वही एनआरआई भारत आ रहे हैं, जो या तो रविदास जयंती उत्सव की कमान संभालने वाली कमेटी के सदस्य हैं, अथवा संत रविदास मंदिर चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से जिन्हें गंभीर दायित्व सौंपे गए हैं।