पूर्वांचल विकास बोर्ड की बैठक में पूर्वांचल के सर्वांगीण विकास पर हुई चर्चा
पूर्वांचल विकास बोर्ड की बैठक में पूर्वांचल के सर्वांगीण विकास पर हुई चर्चा
पूर्वांचल की मानव संपदा को यहां के विकास से जोड़ने पर बल
गत 4 वर्षों में विभिन्न एक्सप्रेस-वे, निर्यात, मेडिकल व्यवस्थाएं, ट्रांसपोर्ट साधन आदि इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास से पूर्वांचल अब नहीं रहा पिछड़ा
पूर्वांचल में उपलब्ध संसाधनों व संपदाओं का बेहतर उपयोग पर जोर
वाराणसी, शुक्रवार 5 मार्च। पूर्वांचल विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को सर्किट हाउस सभागार में बोर्ड की बैठक संपन्न हुई। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल में व्यापक स्तर पर विभिन्न एक्सप्रेस-वे, निर्यात संसाधन, मेडिकल व्यवस्थाएं, ट्रांसपोर्ट साधन, कौशल विकास, गांवों तक स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, पंचायतो के सुदृढ़ीकरण के कार्यों से अब पूर्वांचल को पिछड़ा क्षेत्र नहीं कह सकते हैं। यहां की मानव संपदा मुंबई, दिल्ली आदि राज्यों में अपने कार्यों से ख्याति पाती हैं। इसे पूर्वांचल के विकास से जोड़ा जाए। बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास हो जाने से अब पूर्वांचल को नोएडा-ग्रेटर नोएडा की भांति नियोजित उत्थान पर ले चले। लोग यहां भी बसने को लालायित हो और अपने को गौरवान्वित महसूस करें। पूर्वांचल विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष दयाशंकर मिश्र ने पूर्वांचल को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल कराने का सुझाव रखा। उन्होंने काशी को खेलों का सेंटर, बनारसी साड़ी के प्रोत्साहन, बनारस की जरी जरदोजी को विश्व स्तर पर पहचान बढ़ाने का सुझाव रखे। बनारस संसार के लिए प्रतीक है, यहां के कार्य की संसार में पूजा होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खिलौना व्यवसाय को प्रोत्साहित किया है। बनारस में कोया लकड़ी के खिलौना को बढ़ाये जाने का सुझाव रखा। उपाध्यक्ष ने काशी को सब्जी निर्यात में बन रहे हब के कार्य के लिए कमिश्नर दीपक अग्रवाल को बधाई दी। उन्होंने इजराइल पद्धति की ड्रिप सिंचाई को अपनाने व बढ़ावा देने पर जोर दिया। जल संचयन के लिए रूप वाटर हार्वेस्ट कड़ाई से लागू हो।
बैठक में सदस्य परदेसी रविदास ने पूर्वांचल के लिए विशेष सुविधा व्यवस्था के साथ तीव्रता से विकास कार्यों को अंजाम देने का सुझाव दिया। सदस्य विजय विक्रम सिंह ने कहा कि गत 4 वर्षों में प्रदेश में हर क्षेत्र यथा-विद्युत आपूर्ति, अपराध नियंत्रण, एक्सप्रेस-वे, चीनी मिलों के सुदृढ़ीकरण, 28 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना आदि रिकॉर्ड कारी हुए हैं। प्रदेश की आधारभूत संरचना मजबूत हुई है। अब इसे ऐसा बनाना है कि लोग नोएडा-ग्रेटर नोएडा की तरह यहां रहने में अपने को गर्व महसूस करें। सदस्य बौद्ध अरविंद सिंह पटेल ने दिसंबर 2020 में गोरखपुर में “पूर्वांचल का सतत विकास, मुद्दे, रणनीति व भावी दिशा” विषयक राष्ट्रीय विभिन्न आर के सार पर प्रस्तावित कार्यों को तेजी से क्रियान्वयन पर जोर दिया। सदस्य ओम प्रकाश गोयल ने सोनभद्र में पर्यटन की बहुत संभावनाएं बताते हुए बड़ी कार्य योजना तैयार कर चरणबद्ध कार्य करने पर जोर दिया तथा सोनभद्र के डिस्टिक मिनिरल फंड को पर्यटन विकास से जोड़ने का सुझाव रखा। उन्होंने बताया कि सोनभद्र में मछंदर नाथ मंदिर, बौद्ध धर्म के अवशेष, फॉसिल्स पार्क, इको वैली, गुफा चित्र, झरने आदि स्थल हैं। जिन्हें पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सकता है। सदस्य केपी श्रीवास्तव ने जल संरक्षण हेतु वाटर हार्वेस्टिंग तथा हायर एजुकेशन में गुणत्ता हेतु सुझाव रखे। सदस्य राजकुमार शाही ने कहा कि सरकार द्वारा गांव-गांव स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं। नवीन तकनीकी की मशीनें उपलब्ध हैं। उन्होंने इन्हें पूरी क्षमता से क्रियान्वयन की बात कही। प्राइवेट अस्पतालों में होने वाली एक्सरे व अन्य जांचों के रेट निर्धारण का सुझाव रखा। सदस्य जितेंद्र पांडेय ने महाविद्यालयों में शिक्षा के सुधार के सुझाव रखे। सदस्य अशोक चौधरी ने पूर्वांचल की प्राकृतिक संपदाओं के संवर्धन का सुझाव रखा तथा विद्युत में लाइन लास्ट कम करने की कार्यवाही की बात कही।
बोर्ड के सलाहकार साकेत मिश्र द्वारा सुझाव रखा गया कि पूर्व हुए वेबीनार के सार में प्रस्तावित कार्यों/योजनाओं को सदस्यगण अलग-अलग एक-दो लेकर क्रियान्वयन में पर्यवेक्षण, सुझाव आदि सहभागिता कर तेजी से पूर्ण कराएं। ताकि पूर्वांचल विकास बोर्ड के अच्छे परिणाम धरातल पर दिखे। बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने पूर्वांचल में किए गए कार्यों पर बताया कि प्राइमरी शिक्षा में पूर्वांचल के 28 जिलों में 36164 प्राइमरी स्कूल जिसमे 90045 शिक्षक हैं तथा 18664 उच्च प्राथमिक स्कूल जिसमें 72026 शिक्षक हैं। प्राइमरी स्कूलों में नामांकन बढ़ा हैं। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि कायाकल्प में बनारस के 39 फ़ीसदी स्कूल अच्छी व्यवस्था के हो गए। सेवापुरी विकास खंड मॉडल के रूप में विकसित किया गया है। “प्रेरणा एप” से गुणवत्ता युक्त एकरूपता की शिक्षा दी जा रही है। 500 प्राइमरी स्कूल में स्मार्ट क्लास बनाए गए हैं। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि लोक सेवा आयोग से माध्यमिक शिक्षा हेतु प्रवक्ता व एलटी ग्रेड शिक्षक नियुक्त होकर आ गए हैं। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षाएं शक्ति के साथ नकलविहीन संपन्न कराई गई। उच्च शिक्षा में भी 2017 के बाद शिक्षक आ गए हैं। अब डिग्री कॉलेज के परीक्षा सेंटर दूसरे विद्यालय में होते हैं। परीक्षा कक्ष में सीसीटीवी कैमरा से निगरानी होती है। हर कक्ष की मानिटरिंग होती है। एक पेपर ऑब्जेक्टिव प्रश्न का होता है, जो अगल-बगल के छात्र का अलग-अलग होता है। नई शिक्षा नीति में रोजगार परक पाठ्यक्रम लागू किए गए हैं। चिकित्सा में व्यापक व्यवस्थाएं गांव स्तर तक की गई हैं। सभी दवाएं निःशुल्क हैं। वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा 300 मीटर से ऊपर के भवन निर्माण पर रूप वाटर हार्वेस्ट अनिवार्य कर दिया गया। तभी कंपलीशन सर्टिफिकेट दिया जाता है। पर्यटन में सोनभद्र में तीन स्थल की योजनाएं “मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन” में ले ली गई है। ऊर्जा में निर्बाध, आवाद, गुणवत्तापरक बिजली उपलब्धता के लक्ष्य को लेकर कार्य किया जा रहा है। अब शहर में 24 घंटे में तथा देहात में 48 घंटे में ट्रांसफार्मर बदले जा रहे हैं। बिजली के इंफ्रास्ट्रक्चर व क्षमता वृद्धि में पूर्वांचल क्षेत्र में गत 4 वर्षों में रिकॉर्डविल कार्य हुए हैं। विशेष सचिव नियोजन आर एन एस यादव ने पूर्वांचल विकास बोर्ड के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।