बीएससी नव प्रवेशी छात्रों के लिए ओरियंटेशन कार्यक्रम का छुआ आयोजन
बीएससी नव प्रवेशी छात्रों के लिए ओरियंटेशन कार्यक्रम का छुआ आयोजन
संकाय प्रमुख ने संस्थान की गौरवमय परंपरा से कराया अवगत
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित विज्ञान संस्थान के व्याख्यान कक्ष संकुल में बी.एस.सी. आनर्स के वर्तमान सत्र के नव प्रवेशी छात्र-छात्राओं का ओरियंटेशन कार्यक्रम का आयोजित किया गया। जिसमें लगभग 800 विद्यार्थियो नें वर्चुअल मोड में भाग लेकर विश्वविद्यालय के बारे में विस्तार से जानकारी के साथ-साथ पठन-पाठन एवं परिसर की अन्य उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। परंपरा अनुसार काशी हिंदू विश्वविद्यालय के निर्माता भारतरत्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी को माल्यार्पण के साथ कुल गीत गायन से कार्यक्रम की शुभारंभ की गई। छात्र सलाहकार प्रो. एस. के मिश्रा ने महामना जी के विश्वविद्यालय स्थापना के प्रयासों एवं उद्देश्यो के साथ जीवन मूल्यो का परिचय देते हुए नवागंतुक छात्रों का स्वागत किया। बच्चो को सम्बोधित करते हुए विज्ञान संकाय के संकाय प्रमुख प्रो. मधुलिका अग्रवाल ने महामना जी के राष्ट्र समर्पण को याद करते हुए बच्चो से विश्वविद्यालय के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण में योगदान करने हेतु प्रेरित किया। संकाय प्रमुख ने संस्थान की संरचनात्मक/संस्थागत परिचय देते हुए संस्थान की गौरवमय परंपरा के बारे में अवगत कराया कि यह वह संस्थान है जहाँ से 1 भारत रत्न, 6 पद्म पुरस्कार एवं 17 शांति स्परूप भटनागर पुरस्कारों की एवं गौरवशाली परंपरा रही है। संकाय प्रमुख ने आवाह्न किया की आप इस गौरवशाली परंपरा को बनाए रखे एवं इसे विश्व पटल पर अग्रणी बनाने में भरपूर सहयोग करें। इसी क्रम में छात्रावास समन्वयक प्रो. आर. के सिंह ने बच्चो को विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्रावासों एवं छात्रावास में उपलब्ध सुविधाओ से छात्रो को अवगत कराया। प्रो. निर्मला होरो ने विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न खेल कार्यक्रम एवं प्रतियोगिताओ के बारे में छात्रो को बताया। डॉ. अमिया सामल ने संस्थान द्वारा संचालित किये जाने वाले सास्कृतिक कार्यक्रम आकांक्षा के साथ-साथ अन्य सास्कृतिक कार्यक्रमों से छात्रों को रूबरू करवाया। डॉ. एम. एल मीना ने विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय कैडेट कोर एवं डॉ. रोहित पाण्डेय ने राष्ट्रीय सेवा योजना के संदर्भ में बच्चों को अवगत कराया। आर्शीवचन करते हुए विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. अनिल कुमार त्रिपाठी ने अपने व्यक्तिगत अनुभवो/संस्मरणो को याद करते हुए उन्होनें बच्चो से चरित्र निर्माण एवं राष्ट्र निर्माण के सामजस्य के आधार पर देश के विकास में योगदान देने का आवाह्न किया। साथ ही शिक्षण उन्नति के लिए हिन्दी के प्रयोग पर भी जोर देने पर बल दिया। कार्यक्रम का सफल संचालन बी.एस.सी. तृतीय वर्ष की छात्रा सुश्री मेघना एवं अदिती ने समन्वित रूप से किया।