भारत के सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण में युवाओं का योगदान महत्वपूर्ण- अमीरचंद, राष्ट्रीय महामंत्री, संस्कार भारती
भारत के सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण में युवाओं का योगदान महत्वपूर्ण- अमीरचंद, राष्ट्रीय महामंत्री, संस्कार भारती
वाराणसी मंगलवार 3 अगस्त। उक्त बातें संस्कार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री अमीरचंद ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आयोजित राष्ट्रीय युवा संगीत सम्मेलन की 61वीं कड़ी के उद्घाटन के अवसर पर युवाओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। काशी हिंदू विश्वविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम और भारतीय स्वतंत्रता के 75 वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय युवा संगीत सम्मेलन की 61 वीं कड़ी का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय युवा संगीत सम्मेलन की इस कड़ी का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में संस्कार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री अमीरचंद ने किया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र की समृद्धि के लिए वहां के युवा वरदान होते हैं और युवाओं को सांस्कृतिक विरासत से जोड़कर हम उस राष्ट्र को प्रगति के पथ पर ले जा सकते हैं। विशिष्ट अतिथि के रूप में अखिल भारतीय गंधर्व मंडल मुंबई के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आरएस सांगर ने प्रतिभागियों को संबोधित किया। समारोह की अध्यक्षता अरुणोदय विश्वविद्यालय अरुणाचल प्रदेश के कुलपति प्रोफेसर बीएन शर्मा ने की। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम युवाओं में राष्ट्रप्रेम की भावना जागृत करने में सफल हो रहा है। आरंभ में एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम और अमृत महोत्सव कार्यक्रम के विविध पक्षों पर क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अशोक विस्तृत प्रकाश डाला। कार्यक्रम में बीएचयू संगीत व मंच कला संकाय के प्रोफ़ेसर ज्ञानेश चंद पांडे ने भी विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम का शुभारंभ दिल्ली के युवा युवा कलाकार घनश्याम चंद्र द्वारा राग मधुवंती में शहनाई वादन से हुआ। उन्होंने अपने शहनाई वादन का समापन बनारसी कजरी धुन से किया। पुणे की युवा कलाकार आकांक्षा केलकर ने एकल हारमोनियम वादन की प्रस्तुति की। इनके साथ तबले पर संगत संगति प्रख्यात तबला वादक अमित जोशी ने किया। कार्यक्रम का समापन कोलकाता के युवा कलाकार अनंत चटर्जी द्वारा प्रस्तुत राग मेघ में शास्त्रीय गायन से हुआ। कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोकगीत कलाकार पंडित रामदयाल शर्मा, जोधपुर के लोक संगीत कलाकार पंडित सतीश बोहरा, राष्ट्रीय संगीत के परिवार के महानिदेशक पंडित देवेंद्र वर्मा, आकाशवाणी पटना के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक त्रिपुरारी कांत शर्मा, आकाशवाणी रांची के कार्यक्रम अधिशासी मनोज कुमार श्रीवास्तव, डॉ मोनिका अरोरा, पंडित योगेंद्र मिश्रा, डॉ सरस्वती रुद्रा, डॉ शिप्रा सहित अनेक अतिथि गण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम समन्वयक डॉ बाला लखेंद्र ने किया और धन्यवाद ज्ञापन अरुणोदय विश्वविद्यालय के कार्यक्रम समन्वयक डॉ पंकज अरोड़ा ने किया।