जाहे विधि राखे राम ताहि विधि रहिये भजन से श्रोता हुए मंत्रमुग्ध
डॉक्टर ज्ञानेश के जाहे विधि राखे राम ताहि विधि रहिये भजन से श्रोता हुए मंत्रमुग्ध
वाराणसी। बुधवार 17 फरवरी। अस्सी घाट स्थित सुबह ए बनारस के मंच पर बीएचयू संगीत एवं मंच कला संकाय के गायन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. ज्ञानेश चंद्र पांडेय का गायन हुआ। आपके साथ तबला पर संगत कर रहे थे अमित ईश्वर एवं हारमोनियम पर कुमार विक्की ने साथ दिया। ज्ञानेश ने गायन का आरंभ किया राग अहीर भैरव में विलंबित एकताल में निबद्ध भावरंग जी की बंदिश से जिसके बोल थे बंसी के बजैया मोरे कान्ह। साथ ही द्रुत तीनताल में निबद्ध बंदिश सुनाकर विभोर किया। बन्दिश के बोल थे जप ले मना पुनीत प्रभु नाम। गायन का समापन करते हुए ज्ञानेश ने राम भजन से श्रोताओ के ह्रदय में रामभक्ति की रसधारा प्रवाहित कर दी जिसके बोल थे जाहे विधि राखे राम ताहि विधि रहिये। उपस्थित श्रोता गाने कलाकार का तालियां बजाकर उत्साहवर्धन किया। कलाकार को निदेशक लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडेमी मसूरी डॉ संजीव चोपड़ा एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती चोपड़ा ने आयोजन की स्मृति पत्रिका प्रदान किया। अतिथियों को डॉ रत्नेश वर्मा ने आयोजन की स्मृति पत्रिका प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रीतेश आचार्य ने किया। इससे पूर्व आचार्या संजीवनी पांडेय के नेतृत्व में ऋषिकन्याओ ने यज्ञ कराया। अंत मे योगाभ्यास योग साधक पं विजय प्रकाश मिश्रा ने कराया। इस दौरान काफी संख्या में श्रोता गण उपस्थित थे।