पांच दिवसीय मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ
डिस्लेक्सिया व अटेंशन डिफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर/सिन्ड्रोम से प्रभावित बच्चों की पहचान हेतु मास्टर ट्रेनर्स का 5 दिवसीय (17 से 21 फरवरी तक) प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ शुभारम्भ
वाराणसी, बुधवार 17 फरवरी। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा डिस्लेक्सिया व अटेंशन डिफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर/सिन्ड्रोम से प्रभावित बच्चों की पहचान हेतु मास्टर ट्रेनर्स का 5 दिवसीय (17 से 21 फरवरी तक) प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ बुधवार को अमरावती पुरूषोत्तम राजकीय बहुउद्देशीय दिव्यांग विकास संस्थान, खुशीपुर के परिसर में किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पूर्व मुख्य आयुक्त, दिव्यांगजन, भारत सरकार, डा. कमलेश कुमार एवं विशिष्ट अतिथि प्रो0 प्रदीप चन्द्र शुक्ल, सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष, शिक्षा संकाय, बीएचयू, वाराणसी ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का आरम्भ किया गया।
सर्वप्रथम राजेश कुमार मिश्र, जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी द्वारा अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि विशेष शिक्षक (बौद्धिक अक्षमता), मनोवैज्ञानिक, स्पीच थेरेपिस्ट आदि के 66 प्रतिभागी, जो इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर्स के रूप में प्रतिभाग कर रहे हैं। कार्यक्रम के पश्चात विभिन्न स्कूलों में जाकर डिस्लेक्सिया व अटेंशन डिफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर सहित लर्निंग डिसएबिलिटि से ग्रसित बच्चों की पहचान का कार्य करेंगे तथा तद्नुसार उनकी शिक्षा की कार्य योजना बनायेंगे।
कार्यक्रम में अतिथिगण ने बच्चों में अधिगम अक्षमता सम्बन्धी विकार की पहचान को अति महत्वपूर्ण कार्य बताते हुए उपस्थित प्रतिभागियों को प्रशिक्षणोपरान्त व्यापक रूप से इससे संबंधित शिक्षण कार्य योजना बनाये जाने हेतु प्रेरित किया। प्रथम सत्र में डा. योगेन्द्र पाण्डेय, सहायक प्रोफेसर, शिक्षा संकाय, बीएचयू एवं द्वितीय सत्र में सतीश मिश्रा, विभागाध्यक्ष, एचआरटीसी, किरन सेंटर, माधोपुर द्वारा अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया गया।
उद्घाटन अवसर पर डा. उत्तम ओझा, डा. अजय तिवारी, सुमित सिंह, समन्वयक रमेश सिंह, सौरभ सिंह, नरेन्द्र राय, प्रदीप कु. सिंह, कमलेश कुमार आदि उपस्थित रहे। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 09 अतिथि व्याख्याता द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा।